________________
इस तरह चंदन-केशर घिसा जाता है। का पसीना अथवा नाखून उसमें स्पर्श नहीं करना चाहिए तथा तिलक करने के लिए एक अलग कटोरी में घिसा हुआ केशर ले लेना चाहिए। केशर आदि घिसते समय तथा ओरसिया के आस-पास रहते समय सम्पूर्ण मौन धारण करना चाहिए। प्रभुजी की भक्ति के अतिरिक्त शारीरिक रोग-उपशान्ति के सांसारिक कार्यों के लिए चन्दन आदि घिसने से देव-द्रव्य - भक्षण का दोष लगता है।
(35)