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मंदिर में ले जाने योग्य सामग्री * सोना-चांदी-पीतल अथवा चन्दन की डिब्बी * सोने-चांदी अथवा पीतल की थाली * तीन कलश ऊपरसे ढंके हुए तथा एक वृषभाकार कलश * शुद्ध केशर-कपूर-अंबर-कस्तूरी * गाय का दूध * कुएँ का अथवा बरसात का शुद्ध जल * न्हवण के लिए 'गाय का घी-दूध-दही, शक्कर-पानी'* सुगन्धित फूलों की डलीया (छाबडी)* सोने तथा चांदी के बरख * शुद्ध रेशम के पक्के रंग के डोरे/लच्छी * सुगन्धित धूप* गाय का शुद्ध घी तथा रूई की बाती फानूस युक्त दीपक के साथ * दो सुन्दर चामर * आईना * पंखा * अखंड चावल * स्वादिष्ट मिठाईयाँ * ऋतु के अनुसार स्वादिष्ट उत्तम फल * एक पाटपौंछना * भगवान को बिराजमान करने के लिए योग्य थाली * सोने-चांदी के सिक्के अथवा रुपये * सुन्दर घण्टियाँ * गम्भीर स्वरों से युक्त शंख * पीतल अथवा चांदी की डिब्बी में घी-दूध-पानी (पैर धोने के लिए लोटे में पानी) । इसके अतिरिक्त परमात्मा की भक्ति में उपयोगी वस्तुएँ प्लास्टिक, लोहे अथवा अल्युमिनियम के सिवाय अन्य धातु के बर्तन में ले जाना चाहिए। प्रभुभक्ति के साधनों का उपयोग स्वयं के लिए करने से
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