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वर्तमान तीर्थंकर श्री सीमंधर स्वामी मोक्ष की जिम्मेदारी ली है। हमारी आज्ञा जो पालेंगे, उनकी जिम्मेवारी हम लेते हैं।
यह ज्ञान पाने के बाद एकावतारी होकर, सीमंधर स्वामी के पास जाकर वहाँ से मोक्ष में चला जाये। किसी के दो अवतार भी हो, लेकिन चार अवतार से अधिक नहीं ही होंगे, यदि हमारी आज्ञा पाले तो। यहाँ ही मोक्ष हो जाय। 'यहाँ एक चिंता हो तो मुझ पर दावा करना' ऐसा कहते हैं। ये तो वीतराग विज्ञान है। चौबीस तीर्थंकरो का इकट्ठा विज्ञान है।
सीमंधर स्वामी अकेले ही हमारे ऊपरी। प्रश्नकर्ता : हमारे तो आप रखवाले सही लेकिन आपके ऊपर कौन ? आपको तो क़ानूनन् ही चलना होगा न, जो आये उसके साथ ?
दादाश्री : पूरी तरह कानूनन्। और हमारे ऊपरी तो ये बैठे है न, सीमंधर स्वामी। वे अकेले ही ऊपरी है हमारे। हम उनके पास कुछ माँग नहीं करते। माँग नहीं हो सकती न! आप मुझ से माँग सकते हो।
अहो ! उस दर्शन की अद्भूतता !! प्रश्नकर्ता : हम तो दादा का विझा दिखायेंगे।
दादाश्री : विझा दिखलाते ही अपने आप काम हो जाये। तीर्थंकर को देखते ही आपके आनंद की सीमा नहीं रहेगी। देखते ही आनंद! सारा संसार विस्मृत हो जायेगा। संसार का कुछ खाना-पीना नहीं भायेगा। उस घड़ी सब समाप्त हो जायेगा। निरालंब आत्मा प्राप्त होगा। फिर कोई अवलम्बन नहीं रहा।
सम्यक् द्रष्टि वही विझा। प्रश्नकर्ता : आपने कहा है, तीर्थंकर के दर्शन करे तो मनुष्य को केवलज्ञान हो जाये !
वर्तमान तीर्थंकर श्री सीमंधर स्वामी दादाश्री : तीर्थंकर के दर्शन तो बहुत लोगों ने किये थे। हम सब ने भी किये थे पर उस समय हमारी तैयारी नहीं थी। द्रष्टि परिवर्तन नहीं हुआ था। मिथ्याद्रष्टि थी। वह मिथ्याद्रष्टि में तीर्थंकर क्या करे तब ? सम्यक् द्रष्टि हो उस पर तीर्थंकर की कृपा उतर जाये।
प्रश्नकर्ता : इसलिए उसकी तैयारी होने पर उनके दर्शन होने से मोक्ष हो जाये।
दादाश्री : इसलिए हमें तैयार होकर जाना है। वजह इतनी ही है कि तैयार होकर फिर विझा लेकर जाओ। और कही भी जाओगे वहाँ कोई न कोई तीर्थंकर मिल आयेंगे।
सीमंधर स्वामी को ही पूजें ! हिन्दुस्तान में यदि घर घर सीमंधर स्वामी के फोटो हो तो काम बन जाये। क्योंकि वे जीवंत है। अगर हमारी फोटो नहीं होगी तो भी चलेगा मगर उनकी रखना। भले ही लोग उनको पहचाने नहीं और वैसे ही दर्शन करेंगे तो भी काम हो जायेगा। यह सीमंधर स्वामी के चित्रपट बहुत अच्छे निकाले है और जगह जगह पहुँच जायेंगे, तब काम हो जायेगा। वैष्णवजैन और सभी घरो में पहुँच जायेंगे। हाजिर है वे नक़द फल देते है।
यह देरासर इसलिए है कि जगत सीमंधर स्वामी को पहचान सकें। सीमंधर स्वामी कौन है वह जान सकें। घरघर सीमंधर स्वामी की फोटो पूजायेगी और आरतियाँ होगी और जगह जगह सीमंधर स्वामी के देरासर बँधेगे तब दुनिया का नक्शा कुछ और ही होगा।
मोक्ष स्वरूपी के सानिध्य में। और हम यहाँ पर दिखाई जरूर देते है पर सीमंधर स्वामी के सामने ही बैठे रहते है और वहाँ पर आपको दर्शन कराते है। हमें पहचान है उनकी, सीमंधर स्वामी हमारे दादा के भी दादा। आखिर देखे तो, हमें