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________________ आत्मज्ञान प्राप्ति की प्रत्यक्ष लींक ! 'मैं तो कुछ लोगों को अपने हाथों सिद्धि प्रदान करनेवाला हूँ। पीछे अनुगामी चाहिए कि नहीं चाहिए ? पीछे लोगों को मार्ग तो चाहिए न ?" - दादाश्री परम पूज्य दादाश्री गाँव-गाँव, देश-विदेश परिभ्रमण करके मुमुक्षु जीवों को सत्संग और स्वरुप ज्ञान की प्राप्ति कराते थे। आपश्री ने अपनी हयात में ही पूज्य डॉ. नीरबहन अमीन को आत्मज्ञान प्रदान की ज्ञानसिद्धि प्रदान की थी। परम पूज्य दादाश्री के देहविलय के पश्चात् आज भी पूज्य डॉ. नीरबहन अमीन गाँव-गाँव, देश-विदेश घूमकर मुमुक्षु जीवों को सत्संग और आत्मज्ञान की प्राप्ति निमित्त भाव से करा रही है। हजारों मुमुक्षुओं इसका लाभ पाकर आत्मरमणता का अनुभव करते हैं और संसार में रहकर जिम्मेवारियाँ निभाते हुए मुक्त रह सकते हैं। दादा भगवान फाउन्डेशन के द्वारा प्रकाशित हिन्दी - अंग्रेजी पुस्तकें ज्ञानी पुरूष की पहचान सर्व दुःखो से मुक्ति कर्म का विज्ञान आत्मबोध यथार्थ धर्म (प्रकाशनाधीन) जगत कर्ता कौन? (प्रकाशनाधीन) अंत:करण का स्वरूप (प्रकाशनाधीन) मैं कौन हूँ? टकराव टालिए १० हुआ सो न्याय एडजस्ट एवरीव्हेयर १२. भूगते उसी की भूल १३ वर्तमान तीर्थकर श्री सीमंधर स्वामी Adjust Everywhere 2. The Fault of the sufferer Whatever has happened is Justice Avoid Clashes Anger 6. Worries 7. The Essence of All Religion 8. Shree Simandhar Swami 9. Pure Love 10. Death : Before, During & After... 11. Gnani Purush Shri A.M.Patel 12. Who Am I? 13. The Science of Karma 14. Ahimsa (Non-violence) 15. Money 16. Celibacy : Brahmcharya 17. Harmony in Marriage 18. Pratikraman 19. Flawless Vision 20. Generation Gap 21. Apatvani-1 ग्रंथ में मुद्रित वाणी मोक्षार्थी को मार्गदर्शक के रुप में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो, लेकिन मोक्षप्राप्ति हेतु आत्मज्ञान पाना जरूरी है। अक्रम मार्ग के द्वारा आत्मज्ञान की प्राप्ति आज भी जारी है, इसके लिए प्रत्यक्ष आत्मज्ञानी को मिलकर आत्मज्ञान की प्राप्ति करे तभी संभव है। प्रज्वलित दीपक ही दूसरा दीपक प्रज्वलित कर सकता है।
SR No.009591
Book TitleMai Kaun Hun
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherMahavideh Foundation
Publication Year2005
Total Pages27
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Akram Vigyan
File Size271 KB
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