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________________ जगत कर्ता कौन? जगत कर्ता कौन? बदलाव नहीं होगा। प्रश्नकर्ता : अभी एर इन्डिया (Air India) का प्लेन (विमान) गिर गया, उसमें २१५ आदमी मर गए तो उसमें भी कुछ प्लानिंग होगा? यह दुनिया, योजनाबद्ध या एक्सिडन्ट ? मनुष्य कितना भी अहंकार करे, मगर नेचर (प्रकृति) का जो प्लानिंग (योजना) है, उसको बदलनेवाला कोई नहीं। जो प्लानिंग बदल सके तो दुनिया में एक भी लेडी (स्त्री) नहीं रहेगी। सभी स्त्रियाँ पुरुष हो जाये। मगर किसी के हाथ में कुछ भी नहीं है। जो नेचर का प्लानिंग है न, उसी प्लानिंग के हिसाब से सब होता है। नेचर का प्लानिंग क्या चीज़ है कि हिन्दुस्तान में इतनी औरतें चाहिए, इतने आदमी चाहिए, इतने बाल काटनेवाले चाहिए, इतने बढ़ई चाहिए, इतने लौहार चाहिए। हरेक चीज़ का ऐसा प्रमाण प्लानिंग में है। वो कोई नहीं बदल सकता। प्रश्नकर्ता : ये कौन डिसाइड (निर्णय) करता है? दादाश्री : हाँ, सब प्लानिंग ही है। प्लानिंग के बाहर कुछ चलता ही नहीं। प्लानिंग के बाहर कोई चीज़ नहीं होती। एक्जेक्ट प्लानिंग है ! ऐसा एक्सिडन्ट देखकर मनुष्यों को आश्चर्य होता है कि, ये क्या हुआ, ये क्या हो गया? मगर जानवरों को कोई आश्चर्य नहीं होता। कितनी ही गायें देखती हैं, गधे देखते है, लेकिन उनको कोई आश्चर्य नहीं होता। सब चलता रहता हैं। गाय, गधा, ये सब मानते हैं कि कुदरत की प्लानिंग के मुताबिक़ हुआ है, इसमें क्या देखना! ज्योतिषज्ञान की सच्चाई दादाश्री : only scientific circumstantial evidence (सिर्फ वैज्ञानिक सांयोगिक प्रमाण) हैं। हिन्दुस्तान में इतने सैनिक चाहिए, इतना पुलिसवाला चाहिए, नहीं तो पुलिस की नौकरी कोई करे ही नहीं। इतने मकान बनानेवाले चाहिए, इतने वकील चाहिए, इतने डॉक्टर चाहिए। डॉक्टर की कमाई बहुत अच्छी है, तो सब आदमी डॉक्टर हो जाते। मगर सब आदमी doctor नहीं बन सकते। जो कुदरत के प्लानिंग में नहीं है, वो कोई करनेवाला ही नहीं। कुदरत की प्लानिंग में कोई परिवर्तन नहीं कर सकता। खुद भगवान भी परिवर्तन नहीं कर सकता। प्लानिंग याने प्लानिंग !! उस प्लानिंग में सब कुछ है। कुदरत का प्लानिंग ऐसा है कि दुनिया में हरेक चीज़ है। मगर अपना प्रारब्ध नहीं है, तो नहीं मिलती है। नहीं तो हरेक चीज, जितनी तुम्हारी है उतनी चीजें इधर ही हैं। कुदरत का प्लानिंग बहुत अच्छा है। उसमें कभी कोई बढ़ौतरी नहीं करनेवाला और उस प्लानिंग में ही रहना पड़ता है। मगर अहंकार किया, उसका दु:ख होता है। जो अहंकार करता है, उसके बदले में उसको दु:ख आता है। तो भी प्लानिंग में तो कोई भी __ प्रश्नकर्ता : आप कृपा करें तो मुझे ज्योतिष का अर्थ क्या है वो समझना था। दादाश्री : इस दुनिया को भगवान नहीं चलाता, दूसरी शक्ति चलाती है। इसलिए अपना ज्योतिषज्ञान करेक्ट (सही) है। अगर भगवान चलाता होता और किसी आदमी ने बहुत भक्ति की होती तो ज्योतिष गलत साबित हो जाता। ज्योतिष तो बिलकुल सही है, मगर जाननेवालों की कमी है। वे पूरा-पूरा जानते नहीं है। सब भावाभाव जो है न, वो सब इनको समझ में नहीं आता है। स्पष्टतया समझ में नहीं आता है। नहीं तो ज्योतिष तो सही ही है, वो तो विज्ञान है। समस्त दुनिया के सब लोग 'लट्ट' (Top) हैं। वो खुद कोई कर्म बाँध सकता ही नहीं। खुद कर्म बाँधे, तो ऐसा नहीं बाँधेगा। उसके पीछे निमित्त है। इस जगत में संडास जाने की (स्वतंत्र) शक्ति किसी
SR No.009587
Book TitleJagat Karta Kaun
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherMahavideh Foundation
Publication Year2008
Total Pages27
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Akram Vigyan
File Size244 KB
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