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पुद्गल : जो पूरण और गलन होता है पोतापर्यु : मैं हूँ और मेरा है, ऐसा आरोपण, मेरापन भोगवटो : सुख-दुःख का असर राजीपा : गुरजनों की खुशी लागणी : भावुकतावाला प्रेम, लगाव सिलक
: जमापूँजी शाता-अशाता : देह का सुख परिणाम-देह का दुःख परिणाम)
: सम्प्रदाय का एक वर्ग संवर
: कर्म का चार्ज होना बंद हो जाना आश्रव
: कर्म के उदय की शुरुआत निर्जरा
: कर्म का अस्त होना अकाम निर्जरा : नए कर्म का बंधन होकर पुराने कर्म का अस्त
होना संवरपूर्वक निर्जरा : दुबारा कर्म बीज डले बिना कर्मफल पूरा होना
गच्छ
आप्तवाणी में रखे गए गुजराती शब्दों के हिन्दी समानार्थी शब्द अटकण : जो बंधनरूप हो जाए, आगे नहीं बढ़ने दे अजंपा : बेचैनी, अशांति, घबराहट अणहक्क
: बिना हक़ का आरा
: कालचक्र का बारहवाँ हिस्सा अबंध
: बंधन रहित 'ऑन' का व्यापार : मूल क़ीमत से ज्यादा में बेचना उपाधि : बाहर से आनेवाले दु:ख उपलक
: सतही, ऊपर ऊपर से, सुपरफ्लुअस, नाटकीय,
औपचारिक ऊपरी
: बॉस, वरिष्ठ मालिक कल्प
: कालचक्र कढ़ापा : कुढ़न, क्लेश गोठवणी : सेटिंग, प्रबंध, व्यवस्था घटमाळ : श्रृंखला या चक्र घेमराजी(वाला) : अत्यंत घमंडी, जो खुद अपने सामने औरों को
बिल्कुल तुच्छ माने चीकणी फाइल : गाढ़ ऋणानुबंधवाले व्यक्ति चोविहार
:: सूर्यास्त से पहले भोजन करना तायफ़ा : फजीता तंतीली वाणी : विवादवाली, तीखी, चुभनेवाली वाणी तरछोड़ : तिरस्कार सहित दुत्कारना दुभना
: आहत होना नोंध
: अत्यंत राग अथवा द्वेष सहित लम्बे समय तक
याद रखना, नोट करना निकाल : निपटारा नियाणां : अपना सारा पुण्य लगाकर किसी एक वस्तु की
कामना करना