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एडजस्ट एवरीव्हेर
एडजस्ट कर ले, तब भी संसार सुंदर लगता है।
नहीं रुचे फिर भी निभायें !
एडजस्टमेन्ट तो हर एकके साथ, तुझसे जो जो डिसएडजस्ट होने आये उसको तू एडजस्ट हो जा । दैनिक जीवन में यदि सास- बहू के बीच या देवरानी-जेठानीके बीच डिसएडजस्टमेन्ट होता हो तो जिसे इस संसारकी परंपरा से छूटना हो उसे एडजस्ट हो जाना ही चाहिए । पति-पत्नीमें भी यदि एक चीर फाड करता हो तो दूसरे को जोड लेना चाहिए । तब ही संबंध निभेगा और शांति रहेगी । जिसे एडजस्टमेन्ट लेना नहीं आता उसे लोग मेन्टल (पगला) कहते हैं । यह रिलेटीव (सापेक्ष) सत्यमें आग्रह, जिद की जरा-सी भी जरूरत नहीं है। मनुष्य कौन कहलाये । एवरीव्हेर एडजस्टेबल । चोर के साथ भी एडजस्ट हो जाना चाहिए ।
सुधारें या एडजस्ट हो जायें ?
हर बातमें हम सामनेवाले से एडजस्ट हो जाये तो कितनी सहूतियत हो जाये । हमें साथमें क्या ले जाना है ? कोई कहेगाकि, “भैया उसे सीधी कर दो।" " अरे, उसे सीधी करने जायेगा तो तू टेढ़ाहो जायेगा ।" इसलिए वाईफको सीधी करने तम बैठना, जैसी भी हो उसे करेक्ट (सही) कहें। हमारा उसके साथ सदाका लेन-देन हो तो अलग बात है, यह तो एक अवतारके बाद कहीं की कहीं खो जायेगी । दोनोका मृत्यु काल अलग, दोनों के कर्म अलग ! कुछ लेना कुछ देना नहीं ! क्या मालूम यहाँ से वह किसके यहाँ जायेगी ? हम सीधी करे और अगले जनम जाये किसी और के भागमें ?
इसलिए न तो आप उसे सीधी करे या नतो वह आपको सीधा करें, जैसा मिला सोने के समान । प्रकृति किसीकी कभी सीधी नहीं हो सकती। कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहेगी । इसलिए हम जाग्रत रहें । जैसी हो वैसी ठीक है, "एडजस्ट एवरीव्हेर"
एडजस्ट एवरीव्हेर
पत्नी तो है 'काउन्टर वेइट' प्रश्नकर्ता : मैं “वाईफ के साथ एडजस्ट होने की बहुत कोशिश करता हूँ, लेकिन होता नहीं है ।"
दादाश्री : सभी हिसाबके अनुसार है ! उलटे पेच औरउलटी चाकी वहाँ सीधी चाकी घुमाने से कैसे काम चलेगा ? आपको ऐसा होगा कि यह स्त्री जाति ऐसी क्यों है ? लेकिन स्त्री जाति तो आपका "काउन्टर वेईट" है । जितने हम दोषित उतनी वह टेढ़ी, इसलिए तो सब व्यवस्थित है, ऐसा हमने कहा है न ?
प्रश्नकर्ता: सभी हमें सीधा करने आयें है ऐसा लगता है ।
दादाश्री : वह तो आपको सीधा करना ही चाहिए। सीधे हुए बगैर दुनिया चलती नहीं है न ? सीधा नहीं होगा तो फिर बाप कैसे बनेगा ? सीधा होने पर ही बाप होगा । स्त्री जाति गोया ऐसी है कि वह नहीं बदलेगी, इसलिए हमें बदलना होगा। वह सहज जाति है, वह बदले ऐसी नहीं है ।
वाइफ वह क्या चीज़ है ?
प्रश्नकर्ता: आप कहिए ।
दादाश्री : वाइफ इस धी काउन्ट वेईट ऑफ मेन (स्त्री पुरुषकी समतुला का तौल है) वह काउन्टर वेईट यदि नहीं होता तो मनुष्य लुढ़क
जाता ।
प्रश्नकर्ता : यह समझ में नहीं आया ।
दादाश्री : यह इंजनमें काउन्टर वेईट रखा जाता है, वर्ना इंजन चलते चलते लुढ़क जाये । इस तरह मनुष्यका काउन्टर वेईट स्त्री है । स्त्री होगी तो लुढ़केगा नहीं । वर्ना दौड़-धूप करते कोई ठिकाना नहीं रहता, आज