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दादा भगवान प्रापित
एडजस्ट एवरीव्हेयर
एडजस्ट एवरीव्हेयर संसार में और कुछ नहीं आता है, तो उसमें कोई हर्ज नहीं है, मगर 'एडजस्ट' होना तो आना ही चाहिए। सामनेवाला 'डिस्एडजस्ट' होता रहे और हमें एडजस्ट होना आता है, तो हमें कोई दुःख नहीं होगा। इसलिए सभी के साथ 'एडजस्टमेन्ट' हो, वही सबसे बड़ा धर्म है। इस काल में तो लोगों की प्रकृतियाँ भिन्न भिन्न होती है, इसलिए 'एडजस्ट' हुए बगैर कैसे चलेगा?
हमने इस संसार की बहुत सूक्ष्म खोज की थी। अंतिम प्रकार की खोज के बाद हम यह सब बातें आपको बता रहे हैं। व्यवहार में कैसे रहना यह भी समझाते हैं और मोक्ष में कैसे जायें, यह भी बता रहे हैं । आपकी मुश्किलें किस तरह कम हों, यही हमारा ध्येय है।
- दादाश्री