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________________ १२ है कि ऐतिहासिक तथ्यों की खोज करने वाले अभ्यासियों के लिये यह बहुत उपयुक्त संकलन सिद्ध होगा। __इस संग्रह का सम्पादन कार्य तो प्रायः सन् १९५० में पूरा हो गया था । इसका मुद्रण कार्य भावनगर के एक प्रेस में कराया गया था, पर बाद में इसके सब छपे फर्मे बम्बई में भारतीयविद्याभवन में मंगवा लिये गये थे। स्थान वगैरह की ठीक सुविधा न होने से अनेक वर्षों तक ये फर्मे इधर उधर घूमते-फिरते रहे और फिर हमारा भी स्थानान्तरण होता रहा । इससे, उक्त धर्माभ्युदयमहाकाव्य के प्रास्ताविक में उल्लिखित कथनानुसार हम इसे शीघ्र प्रकाशित करने में असमर्थ रहे । पर हर्ष का विषय है कि इतने वर्षों के बाद भी, अब यह संग्रह समुचित रूप से प्रकाश में आ रहा है। पूर्व पुरुषों के गुणकीर्तनात्मक पुष्प कभी वासी नहीं होते । जब भी वे गुणग्राहकों के हाथों में उपस्थित होते हैं तव शिरोधार्य ही होते हैं । इसके सम्पादन कार्य के विषय में मनिमहोदय श्रीपण्यविजयजी महाराज के प्रति, उक्त धर्माभ्युदयकाव्य के प्रास्ताविक वक्तव्य के अन्त में, जो अपना हार्दिक कृतज्ञ भाव हमने प्रकट किया है-वही यहाँ पुनरुल्लिखित करना चाहते हैं कि-"इस संग्रह का सम्पादन करके इस ग्रन्थमाला के प्रति अपना जो विशिष्ट ममत्व भाव प्रदर्शित किया है और उसके द्वार सौहार्दपूर्ण सहकार प्रदान कर मुझ को जो उपकृत किया है, उसके लिये सौजन्यमूर्ति परमस्नेहास्पद मुनिवर श्रीपुण्यविजयजी महाराज का मैं अत्यन्त कृतज्ञ हूँ" । इस संग्रह के साथ ही इसका समानविषयक एक अन्य संग्रह प्रकट हो रहा है जिसमें महाकवि सोमेश्वरविरचित कीर्तिकौमुदी तथा अरिसिंहकविकृत सुकृतसंकीर्तनकाव्य संकलित है। इसका सम्पादन कार्य भी इन्हीं मुनिवर ने किया है। पहले ये दोनों संग्रह एक ही ग्रन्थ के रूप में प्रकाशित किये जाने की कल्पना रही थी, पर पीछे से इसके साथ डॉ. ब्यूहलर आदि के लिखित उन ग्रन्थों के सम्बन्ध के इंग्रजी निबन्ध भी उसमें सम्मिलित करने की कल्पना से उसके अब पृथक् ग्रन्थ के रूप में प्रकट किया जा रहा है। अनेकान्तविहार, अहमदाबाद. फाल्गुनी पूर्णिमा, सं. २०१७ ता. २, मार्च, १९६१. -जिनविजयमुनि sukar-t.pm5 2nd proof
SR No.009571
Book TitleVastupal Prashasti Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanbalashreeji
PublisherBhadrankar Prakashan
Publication Year2010
Total Pages269
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size2 MB
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