________________
गौतम चरित्र ।
श्री ऋषभदेव तीर्थंकर उत्पन्न हुए थे। श्री ऋषभदेव अजित नाथ, शंभव नाथ, अभिनन्दन; सुमतिनाथ, पद्मप्रभ सुपार्श्व - नाथ, चन्द्रप्रभ, पुष्प दन्त, शीतल नाथ, श्रेयांस नाथ, वासुपूज्य, विमल नाथ, अनन्त नाथ, धर्मनाथ, शान्तिनाथ, कुधुनाथ, अर नाथ, मल्लिनाथ, मुनिसुव्रत नाथ, नमी नाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ, और वर्द्धमान ये चौबीस तीर्थंकर चौथेकालमें उत्पन्न हुए। ये सभी तीर्थंकर कामदेवको परास्त करनेवाले और भव्यजीवोंको संसार सागर से पार उतारने वाले थे । जब तीसरे कालमें तीन वर्ष साढ़ े अठारह महीने बाकी रहे, तब श्री महावीर स्वामी मोक्ष गये थे । श्री ऋषभदेवकी आयु चौरासी लाख पूर्व, श्री अजितनाथकी वहत्तर लाख पूर्व, श्री शंभवनाथकी साठ लाख पूर्व, श्री अभिनन्दननाथकी पचास लाख पूर्व, श्री सुमतिनाथकी चालीस लाख पूर्व, श्री प्रभुनाथ की तीस लाख पूर्व, श्री सुपार्श्वनाथकी बीस लाख पूर्व, श्री चन्द्रप्रभकी दश लाख पूर्व, श्री पुष्प दन्तकी दो लाख पूर्व, श्री शीतलनाथकी एक लाख पूर्व, श्री श्रेयांस नाथकी चौरासी लाख पूर्व, श्री वासुपूज्यकी बहत्तर लाख वर्ष, श्री विमल नाथकी साठ लाख वर्ष श्री अनन्त नाथकी तीस लाख वर्ष, श्री धर्मनाथकी दश लाख वर्ष, श्री शान्तिनाथकी एक लाख वर्ष, श्री कुंथुनाथकी पंचानवे हजार वर्ष, श्री अरनाथकी चौरासी हजार वर्ष, श्री मल्लिनाथकी पचपन हजार वर्ष, श्री मुनिसुव्रत नाथकी तीस हजार वर्ष, श्री नमिनाथकी दश हजार वर्ष, श्री नेमिनाथकी एक हजार वर्ष, श्री