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________________ ( ७१८) चरकसंहिता-मा० टी०। कन्या आदिका विशेषभाव।। ततःस्त्रीपुरुषयोपैवैशेषिकामानाःप्रधानसंश्रयागुणसंश्रयाश्चतेषां यतोमयस्त्वंततोऽन्यतरमावाल्यथालयंसीरुत्वमशारखंमो. होऽवस्थानसाधोगुरुत्वमसंहनशैथिल्यमार्दवंगर्भाशयवीजभागस्तथायुक्तानिचापराणिनीकराणि । अतविपरीतानिपुरुषकराणिउभयभागभावानिलपुंहककराणि । यत्ययकालमेवइद्रियाणिसतिष्ठन्तेतत्काललेवास्यचेतलिवेदनानिबंधनातो. ति। तस्मात्तदाप्रसुतिर्भःस्पन्दतेधार्थयतेचजन्मान्तरानुभ-. तमिहयत्किञ्चित्तद्वैहृदय्यमाचक्षतेवृद्धाः।मातृजञ्चास्यहदयंसातहृदयाभिलम्बद्धंरसवाहिनीभिःसंवाहिनामिस्तस्मात्तयोस्ताभिक्तिःसम्पद्यते । तचैवकारणमवेक्षमाणानद्वैतदय्यंविमानितंगर्भमिच्छन्तिकतुविमानेह्यस्यदृश्यतेविनाशो विकात्तिर्वा ॥१७॥ गर्भमें स्त्रीपुरुषके रज और वीयाश्रित भावोंमें स्त्रीके भावोंकी अधिकता होनेसे कन्या उत्पन्न होतीहै और पुरुषके भावोंकी अधिकता होनेसे पुत्र उत्पन्न होता। एवं दोनोंके बरावर होनेसे नपुंसक सन्तान होती है। उनमें कन्याके उत्पन्न करनेवाले ये भाव होतेहैं । जैसे कातरता,भीरुता, अचतुरता, मोह, चञ्चलता, अधोगुरु-ता, अदृढता, शिथिलता, मृदुता, और रजकी आधिक्यता आदिक भाव कन्याके उत्पन्न करनेवाले होतेहैं । इससे विपरीत सव भाव जैसे शौर्यता, शुक्राधिक्यता, धैर्य, दृढता आदि पुत्र उत्पन्न करनेवाले भाव होतेहैं। दोनोंके बराबर होनेसे नपुं. •सक सन्तान होतीहै।जब गर्भ में इन्द्रिय उत्पन्न होजाती हैं उसी समयसे चित्तमें पीडा आदि जाननेका संबंध उत्पन्न होजाताहै । जबसे इसको गर्भमैं पीडा आदि प्रतीत होने लगतीहै औरगर्भ फडकने लगजाताहै उसी समयसे यह जन्मांतरमें होनेवाले सुख दुःखोंका अनुभव करने लगजाताहै और जिस२ प्रकारकी इच्छा करताहै वह इच्छा माताके हृदय में पहुंचकर मातासेही उसी प्रकारकी इच्छाको उत्पन्न करताहै। गर्भका हृदय मात के हृदयके साथ रसवाहिनी नाडियाद्वारा संबंध रखताहै उन्ही रसवाहिनी नाडियोंके संयोगसे गर्भके हृदयकी इच्छा माताके हृदयमें पहुंचतीहै । उन भावोंको देखकरही गर्भवती स्त्रीको दौहृद (दोहृदयोंवाली) कहाजाताहै ! जिप्त प्रकारकी गर्भ के हृदयमें इच्छा उत्पन्न होती है माता उसी प्रकारकी इच्छाको
SR No.009547
Book TitleCharaka Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamprasad Vaidya
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1923
Total Pages939
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Medicine
File Size48 MB
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