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. विषयानुक्रमणिका । विषय.
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विषय पित्तका प्रकोप और जीतनेका क्रम ५६५ सर्वतंत्र सिद्धान्तः कफका प्रकोप और जीतनेका क्रम ५६६ प्रतितनसिद्धान्त: अध्यायका उपसंहार
अधिकरण सिद्धान्त: .जध्यायका संक्षेप
५६८ अभ्युपगमसिदान्तः ७. व्याधितरूपीयविमान ।
शब्दः रोगीके भेद
५६८
अथ प्रत्यक्षम् अज्ञानियोंका भ्रम
५६९ अनुमानम् चारप्रकारके सहज कृमि
अथ औपम्यम् रुधिरज कृमि
५७२
अथ ऐविह्यम् कफज कृमि
अथ संशयः विष्ठाके कृमि
५७३
अथ प्रयोजनम् क्रिामे चिकित्सा
५७४
अथ सव्यभिचारम् पेटके कोडॉकी चिकित्सा ५७५ अथ जिज्ञासा संशोधन औपधकी विधि ५७६
अथ व्यवसाय: विरेचन होजानेपर कर्म
अथार्थप्राप्तिः शमिनाशक औपधी
अथ सम्भवः विडंगतैल
अथानुयोज्यम् अध्यायका संक्षेप
अथाननुयोज्यम् ८.रोगभिषग्जितीय अध्याय।
अथानुयोगः शास्त्रपरीक्षा
अथ प्रत्यनुयोगः
५८५ आचार्यकी परीक्षा
अथ वाक्यदोषः
५८६ अध्ययनको विधि
वाक्यन्यूनता अध्यापन विधि
५८८
अथाषिक्यम् उपदेश
अनर्थक
५८९ बैद्यको उपदेश
अपार्थक
विरुद्ध सम्भाषणविधि
५९४
पाक्यप्रशंसा विगृह्यसंभाषणविधि
५९६
वाक्छल प्रतिवादीके भेद
सामान्यछल सभाके भेद
अहेतु वादमर्यादाके लक्षण
अतीतकालम् वादका लक्षण
उपालम्भ द्रव्यादि लक्षण
परिहार अथ प्रतिज्ञा
प्रतिज्ञाहानि अथ स्थापना
अभ्यनुज्ञा अथ प्रतिष्ठापना
हेत्वन्तर अथ हेतु
अर्थान्तर अथ उत्तरम्
६०४ निग्रहस्थान अथ दृष्टान्तः
वाद विषयक उपदेश अथ सिद्धान्तः
कारण
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