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मणिबन्ध तथा आयुरेखानी मध्यमां करभनी पासे जेटली रेखाओ होय तेटला छोकरा समजवा. अने जो ते रेखा ओ सम होय तो पेला पुत्रि थाय, तथा विषम होय तो पुत्र थाय, साध्वीना हाथमां जो संतान रेखा पडेली होय तो तेनु फल शिष्या समजवू. तेने शिष्याओ श्राविकाओ सेवा भक्ति करे. अने तेना हाथमां जो पति रेखा होय तो धर्म योग तेनु फल समजबु अने करभमां जो संतान रेखा होय छे अने अंगूठाना मूलमा भाइ नी रेखा समजवी. - आवधी रेखाओमां जेटली रेखाओ देखाती न होय तेटला भाइ बेन थेने मरण पामेला समजवा. अने सष्ट रेखा देखाती होय तो जीवता छे तेम समजबुं. ___ अंगूठाना मूलमा जेटला जत्र होय तेटला पुत्र थाय समजवु. अंगूठाना मूलमां तथा मणिबन्धना मध्यमां जेटली जवमाला होय तेटला पुत्र समजवा.
जेना हाथनां अंगठाना मध्यमां जव होय तो विद्याथी तेनी ख्याति थाय. अने ऐश्वर्यवान थाय.
तथा जेना डाबा हाथमां अंगूठामा जव होय तो तेनो जन्म घणु करीने शुक्ल पक्षमा रात्रिमा थयेलो समजवो.
अने जमणा तथा हाथमां जव होय तो कृष्णपक्षमां दीवसनो जन्म समजवो.
जेना अंगूठाना मध्यमां जव होय तो भोगसुख भोगववामां सदासुखीः रहे. तथा जेना हाथमा एक जव होय अथवा वधारे होय तो तेनु फल सनानज छे. . अत्यन्त पुण्यशालिना हाथमां, छत्र, कमल, धनुष्य, रथ, वज्र, काच्छबो, अंकुश, वावडी, साथिओ, तोरण, चमर, सिंह, झाड, चक्रशंख, हाथी, समुद्रकलश, प्रासाद ( महेल) मत्स्य, जव, यूप, स्तूम, कमण्डलु, पर्वत, दर्पण विगेरेनु चिन्ह होय छे. . . . .. मणिबन्धथी हाथना तलिया तरफ जो मत्स्य रेखा होय तो एक हजार रुपिया मले. अने मकरनु चिन्ह होय तो दश हजार रुपीया मले,
"Aho Shrutgyanam"