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( १९) तथा आमा कोइक आचार्यनो एवोपण मल छके अंगूठानां मूलथी तथा मणिबन्धनी वचमां जेटली रेखाओ होय तेटला भाइ बेनो समजवा, आयु रेखानी आंगलिनीपासे फांटाओ नीकलेला होयतो तेने हानी थाय.
मातृरेखा अंगूठाना मूलमां फांटाओ नीकलेला होय तो ते धनने पेदा करवा बालो थाय, अने मामाना पक्षनो तेने लाभमले. - जेनां हायमा आयुरेखानी पासे पल्लव होयतो तेने लाभ न मले, कनिष्ठा तथा अनामिका आंगलि मलेली होय तो माणसोनी साथे स्नेह रहे,
कनिष्ठा तथा अनामिका आंगलि अन्तर रहित होय तो धनधान्यथा पूर्ण होय अने अन्तर वाली होय तो धनधान्यमा हानी पोंचे,
जेना हाथनी आंगलिओना मध्य भागमां छेद होय तो ते दरिद्र थाय अने छेद न होय तो ते धनवान थाय.
जना हाथमा तर्जनी नीचे त्रिवणीनी पासे बे रेखाओ होय ते पेली रेखा लांबी होय तो पिता मरे अने वीजी रेखा लांबी होय तो माता पेला मरे,
जेना हाथमा मातृरेखा तथा पितृरेखा परस्पर मलेली होय तो घरबन्धनथाय, तथा डाबा हाथमां पितानी तथा मातानी रेखा होय तो स्त्रीपुत्रथी संबंध रहे - अनामिका आंगलिथी कनिष्ठा आंगलि लांबी होय अने कनिष्ठा आंगलिमा उर्ध्व रेखा होय तो ते ने व्यवसाय व्यापारथी लाभ मले.
जेना हाथमां आयु रेखाना मध्य भागमा छेद होयतो ते पाणी तथा अमिथी डोकरे, तथा स्त्रीथी अपकीर्ति थाय तथा अल्प आयुष्य वालो थाय. __ आयु रेखाना छेला भागमाथी नीकलीने ‘धन रेखा तथा जे रेखानी पासे गयेली होय ते पेला सुखी थाय, पछे दुःखी थाय, अथवा निर्धन होय. .. जेना हाथमां दांतना समान त्रिकोणनो आकार होय तो ते वाघ
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