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नखना नाम
पूनर्भव, भूजाकाण्ड, करशुक, कामांकुश, महाराज, नखर, नख, करपुष्प, रत्नकान्ति, शत्रुघ्न, करदीपक.
पितृरेखा नाम पिता, गोत्रवल, मूल, वक्ष, धर्म, मन, धृति, मातृरेखा नाम माता, धन, सुखकोश, साहस, पालिका, रति. .आयु रेखा नाम
आयु, जीवित, तेज, स्वभाव, प्रभा तनु, तर्जनी नाम
तर्जनी आदिना स्थूलनामो अर्थ पण क्रमथी कहे छे, कलह, राज, ऐधर्य, यश, आचार नामो तर्जनीना जाणवा.
वेतना नाम प्रादेश, ताल, गोकर्ण, वितस्त.
इति नाम माला
हाथ जोवानी विधि सवारना स्नान करीने सुगन्धिद्रव्य नैवेद्य, फलफुलथी परमात्मानी पूजाकरी तथा गुरुमहाराजने वन्दना करी तया धार्मिक उपदेश सांभली, तथा हाथ जोवडाववा पेला भोजनकरी निमित जोनार गुरुनी पासे आपणा हाथमा फलफुलद्रव्य नैवेद्य लइने हाथ बताववाजावु कारणके खाली हाथे नजवु-केम के खाली हाथे जवाथी फल मलतु नथी.
रिक्तपाणि पश्येच्च राजानं दैवतं गुरुम् ।
नैमित्तिकविशेषेण फलेन फलमादिशेत् ॥ १ ॥ राजाहो देवताहो. गुरुहो. तथा निमित्त शास्त्रने जानार हो सो तेमनी वासे खाली हाथे नजवु कारण तेनु फल मलतुनथी
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