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________________ ११२ विश्वलोचनकोश: रोहिणी कटुरोहिण्यां लोहितासोमवल्कयोः । गोनागकर्णरुग्भेदे लवणं तु द्विजान्तरे ॥ ७४ ॥ लवण रसरक्षोब्धिभेदेषु लवणा द्युतौ । लक्षणं नाम्नि चिह्ने च रामभ्रातरि लक्षणः ॥ ७५ ॥ लक्ष्मणः पुंसि सौमित्रौ लक्ष्मणं नामलक्ष्मणोः । लक्ष्मणा सारसीज्योतिष्मत्योः श्रीमति वाच्यवत् ॥ ७६ ॥ विपणिस्तु स्त्रियां पण्यवीथ्यामापणपण्ययोः । विषाणं तु पशोः शृङ्गौ विषाणं द्विरददन्तयोः ॥ ७७ ॥ त्रिषु त्रिषु विषाणी तु मेषशृङ्गाख्यभेषजे । शरणं गृहरक्षित्रोः शरणं रक्षणे वघे ॥ ७८ ॥ [णान्तवर्गे सिङ्घाणं काचपात्रेsपि नासिका लोहकिद्वयोः । श्रावण मास पाण्डे दध्यान्यां श्रावणा स्त्रियाम् ॥ ७९ ॥ एक रोहिणी - कुटकी, लालसांठी, करंजुवा या रीठा, गौ, लालअरंड, प्रकारका रोग, ( स्त्री० ) लवण-जलपृथ्वीके संयोग से पैदा स्त्री ), मालकांगनी, ( स्त्री० ) संपत्तिवाला, ( त्रि० ) ॥ ७६ ॥ विपणि - बाजार, हाट, दूकान, (स्त्री० ) विषाण - पशुके सींग, हाथी के दांत, (त्रि० ) ॥ ७७ ॥ होनेवाला ॥ ७४ ॥ लवण-रस-भेद, राक्षस भेद, समुद्र) भेद, (पुं० ) लवणा- कांति ( स्त्री० ) लक्षण - नाम, चिह्न, ( न० ) रामभ्राता ( लक्ष्मण ) ( पुं० ) ॥ ७५ ॥ लक्ष्मण - सुमित्राका पुत्र ( लक्ष्मण ) ( पुं० ) नाम, चिह्न, ( न० ) विषाणी - मेढासींगी औषधि (स्त्री०) शरण- घर, रक्षाकरनेवाला, रक्षा, मारना, ( न० ) ॥ ७८ ॥ नासिकाका सिङ्घाण - काका पात्र, मल, लोहेका मल, ( न० ॥ श्रावण - श्रावण मास, पाषंड, (पुं० ) लक्ष्मणा-सारसी-पक्षी ( सारसकी' श्रावणा - दधियू- वृक्ष, (स्त्री० ) ॥ ७९ ॥ "Aho Shrutgyanam"
SR No.009534
Book TitleVishwalochana Kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal Sharma
PublisherBalkrishna Ramchandra Gahenakr
Publication Year1912
Total Pages436
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Dictionary
File Size9 MB
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