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सप्तम कल्लोलः
यस्या जन्मन्यष्टेशो यस्य ग्रहस्यांशस्थो भवति, तद्दशायां विवाहोर्ध्व अर्यमादिके सूर्यादिके क्रमेण वर्षे संवत्सरे इयत्संख्ये क्रमेण रण्डास्ति । यथा-रवेनवाँशगेऽष्टमेशो यदि तदा रवेर्दशायां विवाहाद् विंशत्या वर्षेषु गतेषु रण्डा । एवं चन्द्रस्यैकस्मिन् वर्षे रण्डा । भौमस्यैवं वर्ष द्वयगते, बुधस्य दशायाँ नवसु वर्षेषु, एवं गुरौ नवद्विघ्नेषु अष्टादशवर्षेषु एवं शुक्रस्य विंशत्या वर्षेषु । एवं शनि शनिर्दशायां पञ्चाशति वर्षेषु वैधव्यं भवतीति वाच्यम् ॥१५॥
जिस स्त्री की जन्म कुण्डली में आठवें स्थान का पति जिस ग्रह के नवांश में हो, उसकी दशा में विवाह होने के बाद कितने वर्ष में विधवा होवे, वह बतलाते हैं-पाठवें स्थान का स्वामी सूर्य के नवांश में हो तो सूर्य की दशा में विवाह होने के बाद बीस वर्ष पीछे विधवा होवे । चन्द्रमा के नवांश में हो तो एक वर्ष पीछे, मंगल के नवांश में हो तो दो वर्ष पीछे, बुध के नवांश में हो तो नौ वर्ष पीछे, गुरु के नवांश में हो तो अठारह वर्ष पीछे, शुक्र के नवांश में हो तो बीस वर्ष पीछे और शनि के नवांश में हो तो पचास वर्ष पीछे विधवा होवे ॥१५॥ अथ भतु: प्रथमं स्त्रीमृत्युः स्याद् दक्षा च यथास्यात्तद्ज्ञानमाह
शुभे स्वगेऽष्टगे क्रूरे म्रियते प्रथमं प्रभोः ।
समेङ्ग बलिभिर्यद्ग-दक्षा शुक्रेज्यवित्कुजैः ॥१६॥ शुभे ग्रहे स्वगे धनस्थे सति क्रूरेऽष्टगे सति प्रभोः भर्तुः प्रथम पुरस्ताद म्रियते सा स्त्री । अथाङ्ग लग्ने समे समराशौ सति शुक्रेज्यवित्कुजैः शुक्रगुरुबुध भौमैर्बलिभिर्यद्गैर्यत्र तत्र गतैर्दक्षा सर्वशास्त्रकुशला विज्ञानिनी च भवति ।।१६।।
___ यदि शुभ ग्रह दूसरे भवन में और पाप ग्रह पाठवें भवन में हों तो उस स्त्री की पति के पहले मृत्यु होवे । लग्न में सम राशि हो तथा बुध-गुरु, बुध, शुक्र और मंगल ये बलवान होकर किसी भी स्थान में रहे हों तो वह स्त्री चतुर तथा शास्त्र को जानने वाली होवे ॥१६॥
योगान्तरमाह
ओजाङ्ग यत्रगैः शुक्र-ज्ञेन्दुभिविबलैः परैः।
बलैमध्यबले चाकौ वक्तृत्वाचरण वत् ॥१७॥ प्रोजाङ्ग विषमलग्ने सति यत्रगैः शुक्रज्ञेन्दुभिर्यत्र तत्र गतविबलैर्बलहीनैश्च परैः रविकुजगुरुभिर्बलैः सवंबलोपेतैराको शनौ मध्यबलेऽपि नातिबलवति नातिबलहीने च सति कृत्वाचरणैर्वचनपटुताचारैर्नृवत् पुरुष इव वाचाला स्त्री ।।१७।।
जिस स्त्री को जन्म कुण्डली में लग्न विषम राशि का हो तथा किसी भी स्थान में रहे हए शुक्र, बुध और चन्द्रमा ये निबंल हों, सूर्य, मंगल और गुरु ये बलवान हों और शनि
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