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________________ क्रिया-कोश '०१३ संस्कृत में 'क्रिया' शब्द की व्युत्पत्ति रूप--क्रिया पद-संज्ञा लिंग-स्त्रीलिंग धातु- > करोति-- कृ धातु में श+टाप् प्रत्ययों के योग से किया शब्द बनता है । -शब्द सागर । भावे करणादौ वा यथायथं "कृषःश च” । -वाच: ३।३।१०० '०२ क्रिया शब्द के पर्यायवाची शब्द ०२१ कर्मबन्धनिबन्धभूतार्थ क्रिया के पर्यायवाची शब्द :.०२.१.१ कम्मसमारम्भा अकरिस्सं चऽहं, कारवेसुं चऽहं, करओ यावि समणुण्णे भविस्सामि । एयावंति सव्वावंति लोगंसि, कम्मसमारंभा परिजाणियव्वा भवंति ।। --आय० श्रु १ । अ १ । उ १ । सू६,७ } पृ० १ .०२.१.२ अकिरिया ___ अकिरिया तिविहा पन्नत्ता, तंजहा--पओगकिरिया, समुदाणकिरिया, अण्णाणकिरिया। -- ठाण° स्था ३! ३। सू १८७। पृ० २१५ टीकाकार का नोट-'अकिरिय' त्ति नबिह दुःशब्दार्थों यथा अशीला दुःशीलेत्यर्थः' ततश्चाक्रिया--दुष्ट क्रिया। '०२.१.३ दंडसमादाण पढमे दंडसमादाणे अट्ठा-दंड-वत्तिए त्ति आहिजइ । ---सूय° श्रु २। अ २। सू २। पृ० १४५ टीका तथाभूतं स्वपरोपघातरूपं दंडं त्रसस्थावरेषु (प्राणिषु) स्वयमेव निस्सृजति निक्षिपति दंडमिव दंडमुपरि पातयति प्राण्युपमर्दकारिणी क्रियां करोतीत्यर्थः। तथा "Aho Shrutgyanam"
SR No.009528
Book TitleKriya kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1969
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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