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यू० डी० सी० संख्या
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७८ ७४
जै० द०व० सं० ६६-रसायन शिल्प ६७- हस्त शिल्प वा अन्यथा ६८--विशिष्ट शिल्प ६६-वास्तु शिल्प
७-कला-मनोरंजन-क्रीड़ा ७१-नगरादि निर्माण कला ७२-स्थापत्य कला ७३-मूर्तिकला ७४-रेखांकन ७५-चित्रकारी ७६---उत्कीर्णन ७७-प्रतिलिपि-लेखन-कला ७८-संगीत ७४--मनोरंजन के साधन
८- - साहित्य ८१-छंद-अलंकार-रस ८२--प्राकृत साहित्य ८३- संस्कृत जैन साहित्य ८४-अपभूश जैन साहित्य ८५-~-दक्षिणी भाषा में जैन साहित्य ८६-हिन्दी भाषा में जैन साहित्य ८७-गुजराती-राजस्थानी भाषा में जैन साहित्य ८८-महाराष्ट्री भाषा में जैन साहित्य बह--अन्य भाषाओं में जैन साहित्य 8-भूगोल-जीवनी-इतिहास ६.१-भूगोल ह२-जीवनी ६३-इतिहास ६४-मध्य भारत का जैन इतिहास ६५--दक्षिण भारत का जैन इतिहास ६६-- उत्तर तथा पूर्व भारत का जैन इतिहास ६७-गुजरात-राजस्थान का जैन इतिहास ६८-महाराष्ट्र का जैन इतिहास ६६-अन्य क्षेत्र व वैदेशिक जैन इतिहास
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"Aho Shrutgyanam"