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અહો શ્રુતજ્ઞાનમ્ ગ્રંથ જીર્ણોદ્ધાર – સંવત ૨૦૬૬ (ઈ. ૨૦૧૦).
શ્રી આશાપૂરણ પાર્શ્વનાથ જૈન જ્ઞાનભંડાર - સંયોજક- બાબુલાલ સરેમલ શાહ હીરાજૈન સોસાયટી, રામનગર, સાબરમતી, અમદાવાદ-૦૫. (મો.) ૯૪૨૬૫૮૫૯૦૪ (ઓ) ૨૨૧૩૨૫૪૩ (રહે.) ૨૭૫૦૫૭૨૦
પૃષ્ઠ
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પ્રાયઃ જીર્ણ અપ્રાપ્ય પુસ્તકોને સ્કેન કરાવીને સેટ નં.-૨ ની ડી.વી.ડી.(DVD) બનાવી તેની યાદી
या पुस्तat www.jainelibrary.org परथी upl stGnels sरी शाशे. ક્રમ પુસ્તકનું નામ
ભાષા કર્તા-ટીકાકાર-સંપાદક 055 | श्री सिद्धहेम बृहद्दति बृदन्यास अध्याय-६
पू. लावण्यसूरिजीम.सा. 056 | विविध तीर्थ कल्प
पू. जिनविजयजी म.सा. 057 ભારતીય જૈન શ્રમણ સંસ્કૃતિ અને લેખનકળા
| पू. पूण्यविजयजी म.सा. 058 | सिद्धान्तलक्षणगूढार्थ तत्वलोकः
श्री धर्मदत्तसूरि 059 | व्याप्ति पञ्चक विवृति टीका
श्री धर्मदतसूरि 06080 संजीत राममा
श्री मांगरोळ जैन संगीत मंडळी 061 | चतुर्विंशतीप्रबन्ध (प्रबंध कोश)
सं श्री रसिकलाल हीरालाल कापडीआ 062 | व्युत्पतिवाद आदर्श व्याख्यया संपूर्ण ६ अध्याय
| श्री सुदर्शनाचार्य 063 | चन्द्रप्रभा हेमकौमुदी
पू. मेघविजयजी गणि 064 | विवेक विलास
सं/४. श्री दामोदर गोविंदाचार्य 065 | पञ्चशती प्रबोध प्रबंध
सं | पू. मृगेन्द्रविजयजी म.सा. 066 | सन्मतितत्वसोपानम्
पू. लब्धिसूरिजी म.सा. 067 | 6:शभादीशुशनुवाई
पू. हेमसागरसूरिजी म.सा. 068 | मोहराजापराजयम्
सं पू . चतुरविजयजी म.सा. 069 | क्रियाकोश
सं/हिं श्री मोहनलाल बांठिया | कालिकाचार्यकथासंग्रह
| सं/Y४. | श्री अंबालाल प्रेमचंद 071 | सामान्यनिरुक्ति चंद्रकला कलाविलास टीका
श्री वामाचरण भट्टाचार्य 072 | जन्मसमुद्रजातक
सं/हिं श्री भगवानदास जैन | 073 | मेघमहोदय वर्षप्रबोध
सं/हिं | श्री भगवानदास जैन 074 | सामुदिइनi uiय थी
४.
श्री हिम्मतराम महाशंकर जानी 0758न यित्र supम ला1-1
४. श्री साराभाई नवाब 0768नयित्र पद्मसाग-२
४. श्री साराभाई नवाब 077 | संगीत नाटय ३पावली
४. श्री विद्या साराभाई नवाब 078 मारतनां न तीर्थो सनतनुशिल्पस्थापत्य
१४. श्री साराभाई नवाब 079 | शिल्पयिन्तामलिला-१
१४. श्री मनसुखलाल भुदरमल 080 दशल्य शाखा -१
१४. श्री जगन्नाथ अंबाराम 081 | शिल्पशाखलास-२
१४. श्री जगन्नाथ अंबाराम 082 | शल्य शास्त्रला1-3
| श्री जगन्नाथ अंबाराम 083 | यायुर्वहनासानुसूत प्रयोगीला-१
१४. पू. कान्तिसागरजी 084 ल्याएR8
१४. श्री वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री 085 | विश्वलोचन कोश
सं./हिं श्री नंदलाल शर्मा 086 | Bथा रत्न शास-1
श्री बेचरदास जीवराज दोशी 087 | Bथा रत्न शा1-2
श्री बेचरदास जीवराज दोशी 088 |इस्तसजीवन
| सं. पू. मेघविजयजीगणि એ%ચતુર્વિશતિકા
पूज. यशोविजयजी, पू. पुण्यविजयजी સમ્મતિ તર્ક મહાર્ણવાવતારિકા
| सं. आचार्य श्री विजयदर्शनसूरिजी
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