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सूत्रम्
पृष्ठम् सूत्रम्
पृष्ठम् ११८ त्यादौ क्षेपे ॥शरा१२६॥
३२५ दम्भः ॥ २८॥ २५४ ग्रन्त्यस्वरादेः ॥७४॥४॥ | ३५२ दम्भोधिप्धीप् ॥४१॥१८॥ १८५ त्रपुजतोः षोऽन्तश्च ॥६॥३३॥ २९१ दयायास्कासः॥२४॥४७॥ २३५ त्रप् च ॥७२९॥
३०६ दरिद्रोऽद्यतन्यां वा ॥४॥३७६॥ ४२१ सिगृधिक्नुः ॥५॥२॥३२॥ |१६६ दर्भकृष्णाग्निशमत्स्ये ॥६।११५७॥ १३४ त्रिककुद् गिरौ ॥७॥१६८॥ | २०२ दशैकादशादिकश्च ॥६॥४॥३६॥ ४३ त्रिचतुरस-दौ ॥२।१११॥ ४०३ दश्वाङः॥५॥२७८॥ २०९ त्रिंशदिशते-थें ॥ १२९॥ | ३६७दागोऽस्वास्यप्रसारविकासे २२५३ २६१ त्रीणित्रीण्यन्य-दि ॥३॥३॥१७॥ ४२२ दाधेसिशद-रु: ॥६३६॥ २२६ त्रेस्तृच ॥७॥१६६॥
९२ दामः संप्रदा-च ॥२॥२॥५२॥ ३६ श्रेस्त्रयः ॥१॥४॥३४॥
२५० दामन्यादेरीयः ॥७३॥१७॥ १२८ स्वते गुणः ॥३२॥५९॥
७२ दाम्नः ॥२४॥१०॥ ५१ वमहं-कः ॥२॥१॥१२॥
१९० दिकपूर्वपदादनाम्नः ॥६॥२३॥ ५२ त्वमौ प्र-न् ।।२।१११॥
१९३ दिकपूर्वोत्तौ ॥ ७॥ ८४ खे ॥२४॥१०॥
१५५ दिक्शब्दात्तीर-रः ॥३२१४२।।
२३७ दिशब्दा-म्याः ॥७२।११३॥ ३२५ थे वा ॥४॥२९॥
११४ दिगधिकं संज्ञा-दे ॥२॥९८॥ ५८ थोन्थ् ॥१४७८॥
१९७ दिगादिदेहांशायः ॥६॥३॥१२४।।
४२६ दिद्युद्ददृज-पः॥५।८३॥ २८३ दंशसञ्जः शवि ॥४॥२॥४९॥ ६१ दिव औः सौ ॥२।१११७॥ ४३७ दंशेस्तृतीयया ॥५॥४॥७३॥ १४० दिवस दिव:-चा ॥२४॥ ४२७ दंशेस्त्रः ॥५।२।९०॥
१४० दिवो द्यावा ॥३॥२॥४४॥ २१२ दक्षिणाकडङ्गर-यौ ॥६।४।१८१॥ १३० दिशोरूढ्या-ले ॥२१॥२५॥ १८९ दक्षिणापश्चा-त्यण् ॥६१शा। ३०५ दिस्योरीट् ॥४४१८९॥ २३८ दक्षिणोत्तराचातस् ॥७।२।११७॥ ३५३ दीङः सनि वा ॥४।६।। ९७१ दगुकोशल-दिः ॥६॥१४१०८॥
ध-वा ॥ ४॥६७॥ २१२ दण्डादे यः॥६४१९७८॥
३७२ दीप्तिज्ञानयत्न-दः ॥३।२७८॥ १७४ दण्डिहस्ति-ने ॥४॥४५॥ ३२१ दीय दीड-रे ॥१९॥ ४१९ दत् ॥४॥१०॥
२०८ दीर्घः ॥६॥४१९२७॥ १७७ दन इकण् ॥वारा१४॥ । ४१ दीर्घङया-सेः॥४॥४५॥
४७ दुध्यस्थि -न् ॥१॥४॥६॥ | ३२४ दीर्घमवोऽन्त्यम् ॥४११०३॥ १३५ दध्युरःस-लेः॥१३२१७२॥ | २७० दीर्यश्वियङ् च ॥४३२१०८॥
३३ दन्तपादना-वा ॥२॥१॥१०॥ | ३० दी?नाम्य-पः ॥१४॥४७॥ २३२. दन्तादुन्नतात् ॥७॥४०॥ । २४१ दुःखात्प्रातिकूल्ये ॥१२॥१४॥