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सुबोध - मूलगुण किसे कहते हैं ? और अष्ट मूलगुण में क्या-क्या आता है ? प्रबोध – निश्चय से तो समस्त पर-पदार्थों से दृष्टि हटाकर अपनी आत्मा की
श्रद्धा, ज्ञान और लीनता ही मुमुक्षु श्रावक के मूलगुण हैं; पर व्यवहार से मद्य-त्याग, मांस-त्याग, मधु-त्याग और पांच उदुम्बर फलों के
त्याग को प्रष्ट मूलगुण कहते हैं। सुबोध – मधु-त्याग तो शहद के त्याग को कहते हैं, पर मद्य-त्याग किसे
कहते हैं ? प्रबोध – शराब वगैरह मादक वस्तुओं के सेवन करने का त्याग करना मद्य
त्याग है। यह पदार्थों को सड़ा-गलाकर बनाई जाती है, अतः इसके सेवन से लाखों जीवों का घात होता है तथा नशा उत्पन्न करने के कारण विवेक समाप्त होकर आदमी पागल-सा हो जाता है, अत:
इसका त्याग करना भी अति आवश्यक है। सुबोध- और मांस-त्याग क्यों आवश्यक है ? प्रबोध- त्रस जीवों के घात ( हिंसा) बिना मांस की उत्पत्ति नहीं होती है
तथा मांस में निरन्तर त्रस जीवों की उत्पत्ति भी होती रहती है। प्रत मांस खाने वाला असंख्य त्रस जीवों का घात करता है, उसके परिणाम क्रूर हो जाते हैं। आत्महित के इच्छुक प्राणी को मांस का सेवन कदापि नहीं करना चाहिये। अण्डा भी त्रस जीवों का शरीर होने से मांस ही हैं। प्रतः उसे भी नहीं खाना चाहिये।
सुबोध – और पंच उदुम्बर फल कौनसे हैं ?
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