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__ढाइ द्वीप में १५ कर्मभूमि और ३० अकर्मभूमि है । वह चित्र के माध्यम से समझ सकेंगे।
हिरण्यवंत
ऐश्वत
ऐवत
याद रखो :
ढाइद्वीप के इस नक्शे में तीन द्वीप बताए है । लवण समुद्र और कालोदधि समुद्र नही बताए । वे समुद्र दो द्वीप के बीच में है इस बात को भूलना नहीं है। जम्बूद्वीप में भी कर्मभूमि और अकर्मभूमि ही है ऐसा नहीं है । जम्बूद्वीप में निषध, निलवन्त, हिमवन्त, महाहिमवन्त, रुक्मी और शिखरी और वैताढ्य ये सात पर्वत है। इन पर्वतों की बातें जीवविचार के विषय में उपयोगी नहीं होने से हमने इसका उल्लेख नहीं किया । जब लघु संग्रहणी सीखेंगे तब पर्वतों की बातों को सीखना होगा । जिसे हम इस चित्र द्वारा समझ सकेंगे ।
ढाइद्वीप का मूल नक्शा
हिरण्यवंत
/एरवत
ऐश्वत
स्यकवर्षम्यक्वर्ष
हिरण्यवंत हिरण्यवंत
रम्यक्वर्ष यक्वर्ष
रम्यवर्ष
उत्तरकुरु
मावि
उत्तरकुरु महाविदेह
उतरकर
उत्तरकुरु महाविदेह
उत्तरकुरु ___ महाविदेड
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महा
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विदेह
KRITERSILLAND
देवकरु
देवकुरु
देवकुरु
देवकुरु
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हरिवर्थ
/ हरिवर्ष / हरिवर्ष
हरिवर्ष
KRAMATA
ATARNADIRRITA
हरिवर्ष
हिमवंत / हिमवंत
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हिमवेत
भरत
भरत
हिमवेत
भरत
वर क्षेत्र @KS
पर्वत
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यह नक्शा है, उसको निम्न कोष्ठक द्वारा समझ सकेंगे ।
| मेरु | कर्मभूमि | अकर्मभूमि | अन्तर्वीप जम्बूद्वीप - १ धातकीखण्ड |
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१२ पुष्करार्ध ढाइद्वीप । ५ । १५ । ३० ।
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बालक के जीवविचार • ५९
६० • बालक के जीवविचार