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________________ 'अहिंसा परमो धर्म की जय' जुलूस में नारे लगाता है । और केवल ज्ञान से प्रकाशित, प्रभु के सामने सैकडों दीप जलाता है । सही कहा तुमने, अहिंसा का स्वरूप कोई विरला ही समझ पाता है । सुना है आजकल पुणे में भी, हो रही है 'पानी कटौती' । चलो इस बहाने, वे भी बचायेंगे थोडीसी प्राकृतिक सम्पत्ति । जिन्होंने समझ रखी है इसे, अपने बाप की बपौती । इसलिए मेरी मानो, हम सबका है, सुख दुःख समान संवेदन | बिनती है मेरी, मत करना प्राण - वियोजन । अब तो तुम नतीजा भी जानती हो, बार बार जन्म मरण । कहते हैं महावीर, इसका तो है कर्मसिद्धान्त ही कारण । मैंने कहा — अरे ! यही बताते हैं सूत्रकृतांग में 'मतिमान माहण' । ११९
SR No.009489
Book TitleArddhmagadhi Aagama che Vividh Aayam Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNalini Joshi
PublisherFirodaya Prakashan
Publication Year2014
Total Pages240
LanguageMarathi
ClassificationBook_Other
File Size1 MB
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