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गाथा ६४
SAGREENDSAXGASAXS
GESSAGESSAGARAXASSAGESSAGE
PANAXYERSTANDOREASYEDOSAXE
सहारमारामारमकरसमससारमाजमवायसरायमरमसलरसम्म
तत्त्व विचार से
संसार का त्याग
वैराग्य शुद्ध कुल व धर्म में उत्पन्न हुए गुणवान पुरुष निश्चय से संसार में नहीं रमते हैं
किन्तु जिनदीक्षा
ग्रहण करते हैं
और फिर उसके बाद
मयसHARATANGARNALREATOPATHIMMATIPRESHEEMORREARRIVALMORANGER
परम तत्त्व रूप निज शुद्ध
आत्मा का ध्यान करके
आत्मा का परम हित रूप मोक्ष प्राप्त करते हैं।