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गाथा ३५
Sarsansardharshrsasardarshan
राजा के सामने पुकार
हाय ! हाय !! बड़ा अकार्य है कि प्रकट में कोई भी स्वामी नहीं है जिसके पास जाकर हम पुकार करें कि 'जिनवचन तो किस प्रकार के हैं और सुगुरु कैसे होते हैं और श्रावक किस प्रकार के हैं!' पुकार
हाय ! हाय !!
हाय ! हाय !!
Arran-marriorsema.mirzraesardhasadmu
rder-SJJARAT