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________________ હર श्री नवकार महामंत्र कल्प वास करके करना चाहिए, कमसे कम एकसौ बार तो अवश्य करे और उत्तर क्रिया कर सिद्ध कर लेवे वादमें ग्राम में प्रवेश करते समय इस मंत्रका सातबार जाप करके जिस तरफका स्वर चलता हो वही पांव पहले उठाकर ग्राम प्रवेश करे तो लाभ प्राप्त होता है, साधु मुनिराज स्मरण करें तो लाभ व सन्मान होता है, हर तरहसे आनन्द होगा । ॥ शुभाशुभ जानाति मंत्र ॥ ॐ नमो अरिह० ॐ भगवओ बाहुबलीस्स य इह समस्त अमले विमले निम्मलनाणपयासिणि ॐ नमो सम्बभासह अरिहा सव्वभास केवली एएणं सव्ववयणेणं सव्व होउ मे स्वाहा ॥५३॥ इस मंत्र का ध्यान कायोत्सर्गमुद्रामें खडे रह कर करे और ध्यान पूरा हो जावे तव भूमिसंधारे सो जावे तो स्वममें शुभाशुभका भास होता है । जाप ऐसे समयमें करना चाहिए कि पूरा होते ही सो जाने से निद्रा जल्दी आ जावे और जाग्रत अवस्थामें दूसरी बातोंका चितवन नही हो ।
SR No.009486
Book TitleNavkar Mahamantra Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year1942
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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