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________________ श्री नवकार महामन कल्प १९ इस मनकी एक माला प्रतिदिन फेरना चाहिए, जो इसका आराधन करेंगे उनको मनचिंतित फल्की प्राप्ति होगी । लेकिन सिद्धि अवश्य करना चाहिए, बिना सिद्धि किए मन फल नही देते । || लाभदायक मन ॥ ॐ नमो अरिहन्ता । ॐ नमो सिद्धाणं । ॐ नमो आयरियाण । ॐ नमो उवज्झायाण । ॐ नमो लोए सव्यसादृण।ॐ हाँ ही हूँ हो ह स्वाहा ||२८|| इस मनको शावर्त्तसे या पटनावर्चसे गिनना चाहिए इसका जाप उच्चार रहित अर्थात् मनमें ही करना चाहिए होट जीम ही नहीं और जाप होता रहे तो विशेष लाभदाई होगा । रक्षा मने !! पदम चट मंगल वज्रमयी शिला मस्तकापरि नमो अरिहन्ताण अट्गुष्ठयोः नमो सिद्वाण तर्जन्योः नमो आयरियाण मध्यमयोः नमो उवज्झायाण अनामिकयोः नमो लोए सव्य
SR No.009486
Book TitleNavkar Mahamantra Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year1942
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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