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________________ ५८ श्री सरतरराष्ट्रीय शानी विकासहामंत्र कल्प सिद्धिका भण्डार है । कठिन कार्यके समय विधि सहित जाप करने से कष्ट मिटता है, और सात बार मंत्र बोलकर के गांठ लगाता जाय तो तत्काल चमत्कार बताता है । व्याघ्रादि हिन्सक प्राणीका या अन्य कारका भय उपस्थित हुवा हो तो नष्ट हो जाता है । 11 वैरनाशाय मंत्र || हसास एलो मोण, णंयाज्झावर मोण, णंयारियआ मोण, द्वासि मोण, णंताहंरिअ मोण ||२६|| इस विपर्यास मंत्रका कथन पहले कर चुके हैं । लेकिन विधान दूसरा होनेसे फिर उल्लेख किया जाता है। इस मंत्र का सवालक्ष जाप विधि सहित करनेके बाद चोथ या चवदसके दिन साधना करे और सिद्धि. क्रिया के बाद परमेष्टि नमस्कार गिनकर धूलकी चिहुँटी भरकर प्रक्षेप करने से वैरभाव - शत्रुता मिट जाती है और परस्पर प्रेम भाव बढता है । ॥ मन चिन्तत फलदाता मंत्र ॥ ॐ ह्रीं ह्री हैं हो हः अ. सि. आ. उ. सा. नमः ||२७||
SR No.009486
Book TitleNavkar Mahamantra Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year1942
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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