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अंतिम सूक्ति
846
१२.३
निश्चय सूत्र
व्यवहार सूत्र
११३१
930
चौदह प्रकीर्णक
।
जिनसूत्र से च्युत मिथ्यादृष्टि है और उसकी यथार्थ श्रद्धा रखने से सिद्धि है|
सो निश्चय-व्यवहार रूप आगम की कथनी समझकर,
उसका श्रद्धान करके, यथाशक्ति आचरण करना।
और
इस
सूत्र पाहुड़
को
SIPur
अमृत जान अंगीकार करना।
२-५१
(सूत्र पाहुड समाप्त