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कुन्दकुन्द वर्ष में 'कुन्दकुन्द शतक' एवं 'शुद्धात्म शतक' का भी पद्यानुवाद हमारे द्वारा प्रकाशित किया गया था। उक्त दोनों कृतियों का भी
अध्यात्मप्रेमी समाज ने दिल खोलकर स्वागत किया। उत्साहजनक परिणाम मिलने से इन कृतियों के मराठी, कन्नड़, गुजराती व अंग्रेजी अनुवाद भी प्रकाशित किये गए हैं, साथ ही संगीतमय कैसिटें भी तैयार कराई गई हैं; जो हमारे कैसेट विभाग में सदा उपलब्ध रहती हैं। अब आचार्य अमृतचंद्र के कलशों का पद्यानुवाद भी डाक्टर साहब कर रहे हैं, जो समयसार अनुशीलन में क्रमशः छप ही रहा है, बाद में स्वतंत्र रूप से भी छपेगा। उसके कैसेट बनाने . की भी योजना है।
आचार्य कुन्दकुन्द द्विसहस्राब्दी समारोह वर्ष में इस संस्था के माध्यम से हमने आचार्य कुन्दकुन्द के जीवन और उनके पंचपरमागमों के सार को