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________________ ८ अयोध्या समस्या पर वार्ता (६ दिसम्बर, १९६२ को अयोध्या में तथाकथित बाबरी मस्जिद ढहाये जाने पर ) ६ दिसम्बर, १९६२ को आयोध्या में तथाकथित बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद मन्दिर-मस्जिद विवाद के कारण सम्पूर्ण देश में उत्तेजना फैली हुई थी; देश में दंगे-फसाद हो रहे थे। तब जयपुर दूरदर्शन के स्टूडियो में डॉ. भारिल्ल, न्यायाधीश कुदाल साहब आदि गणमान्य व्यक्तियों का वार्ता कार्यक्रम रखा गया। डॉ. भारिल्ल की वार्ता के प्रमुख अंश निम्नप्रकार से हैं 1 प्रश्न - अयोध्या में राम मन्दिर एवं बाबरी मस्जिद विवाद के कारण सम्पूर्ण भारत का वातावरण अशान्त बना हुआ है। आज डॉ. भारिल्ल हमारे बीच उपस्थित हैं, आप आध्यात्मिक चिन्तक हैं। आध्यात्मिक आस्था से यह मसला जुड़ा हुआ है। आपकी इस बारे में क्या राय है ? डॉ. साहब - मर्यादापुरुषोत्तम महापुरुष भगवान राम भारत के रोमरोम में समाए हुए हैं। इसलिए भारत के सबसे अधिक आस्था पुरुष यदि कोई हैं तो वे हैं राम । सारी दुनिया जानती है कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। उनका साम्राज्य अयोध्या में था । इसलिए, उनका मन्दिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो और कहाँ बनेगा ? मन्दिर तो वहाँ बनना ही चाहिए और इतना अच्छा बनना चाहिए कि दुनिया देखती ही रह जाए। दरअसल, सवाल यह है कि राम की जो अयोध्या थी, वह कोई १००५० मीटर की नहीं थी। जैनशास्त्रों के अनुसार तो अयोध्या १२ योजन लम्बी और ६ योजन चौड़ी थी। एक योजन चार कोस का अर्थात् आठ मील का होता है। इस तरह अयोध्या ६६ मील लम्बी तथा ७२ मील चौड़ी थी। इतनी
SR No.009460
Book TitleNamokar Mahamantra Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla, Yashpal Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2009
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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