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९. निर्जराभावना शुद्धातमा की रुची संवर साधना है निर्जरा। ध्रुवधाम निज भगवान की आराधना है निर्जरा॥ निर्मम दशा है निर्जरा निर्मल दशा है निर्जरा। निज आतमा की ओर बढ़ती भावना है निर्जरा॥
वैराग्यजननी राग की विध्वंसनी है निर्जरा। है साधकों की संगिनी आनन्दजननी निर्जरा॥ तप-त्याग की सुख-शान्ति की विस्तारनी है निर्जरा। संसार पारावार पार उतारनी है निर्जरा॥
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