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जानना पहिचानना ही ज्ञान है श्रद्धान केवल स्वयं की साधना आराधना ही ध्यान
यह ज्ञान यह श्रद्धान बस यह साधना आराधना ।
बस यही संवरतत्त्व है बस यही संवरभावना ॥
है।
है ॥
इस सत्य को पहिचानते वे ही विवेकी ध्रुवधाम के आराधकों की बात ही कुछ शुद्धातमा को जानना ही भावना का ध्रुवधाम की आराधना
आराधना
( ३२ )
धन्य हैं।
अन्य
है ॥
सार
है ।
का सार
है ॥