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श्री जैन सिद्धान्त प्रश्नोत्तरमाला
( 3 ) चैतन्य
गुण
(4) चैतन्य गुण को भी चेतना गुण कहा जाता है।
प्रश्न 86 - चेतना किसे कहते हैं ?
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की पर्याय को चेतना कहा जाता है।
उत्तर जिसमें पदार्थों का प्रतिभास हो, उसे चेतना कहते हैं ।
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प्रश्न 87 - चेतना के कितने भेद हैं ?
उत्तर - दो भेद हैं- दर्शनचेतना ( दर्शनोपयोग) और ज्ञानचेतना (ज्ञानोपयोग) ।
प्रश्न 88 - दर्शनचेतना किसे कहते हैं ?
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उत्तर जिसमें पदार्थों के भेदरहित सामान्य प्रतिभास (अवलोकन) हो, उसे दर्शनचेतना कहते हैं; जैसे कि ज्ञान का उपयोग घड़े की ओर था, वहाँ से छूटकर दूसरे पदार्थ सम्बन्धी ज्ञानोपयोग प्रारम्भ हो, उससे पूर्व जो चैतन्य का सामान्य प्रतिभासरूप व्यापार हो, वह दर्शनोपयोग है।
प्रश्न 89 - ज्ञानचेतना (ज्ञानोपयोग ) किसे कहते हैं ?
उत्तर- जिसमें पदार्थों का विशेष प्रतिभास हो, उसे ज्ञानोपयोग कहते हैं; अर्थात् ज्ञान गुण का अनुसरण करके वर्तनेवाला जो चैतन्य परिणाम, वह ज्ञानोपयोग है ।
प्रश्न 90 - दर्शनचेतना के कितने भेद हैं ?
उत्तर - चार भेद हैं- चक्षुदर्शन, अचक्षुदर्शन, अवधिदर्शन और केवलदर्शन, वे दर्शनगुण का अनुसरण करके वर्तनेवाले चैतन्य परिणाम हैं ।