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श्री जैन सिद्धान्त प्रश्नोत्तरमाला
प्रश्न 30 - अस्तित्वगुण किसे कहते हैं ?
उत्तर - जिस शक्ति के कारण द्रव्य का भी अभाव न हो, व उसे अस्तित्वगुण कहते हैं, क्योंकि द्रव्य अनादि अनन्त है।
प्रश्न 31 - श्री आदिनाथ भगवान जिस काल इस लोक में विद्यमान थे, उसी काल में हम भी थे- यह किस आधार पर मानोगे?
उत्तर - हम में अस्तित्व गुण होने से सिद्ध होता है कि उस काल लोक के किसी भी क्षेत्र में हम थे।
प्रश्न 32 - क्या यह सच है कि ईश्वर ने विश्व अर्थात् जगत की रचना की है?
उत्तर - नहीं; अस्तित्व गुण के कारण विश्व अर्थात् अनन्त जीव, अजीवादि छहों द्रव्य स्वयंसिद्ध अनादि-अनन्त हैं; इसलिए किसी ने उसे बनाया नहीं है।
प्रश्न 33 - कोई जगत् की रक्षा करता है ?
उत्तर - (1) नहीं; प्रत्येक वस्तु अपनी अनन्त शक्ति से स्वयं रक्षित है।
(2) प्रत्येक द्रव्य में अस्तित्व गुण होने से अपनी रक्षा अर्थात् अस्तित्व के लिए उसे किसी दूसरे की आवश्यकता नहीं पड़ती।
प्रश्न 34 - कोई जगत् का संहार (विनाश) करता है ?
उत्तर - नहीं; अस्तित्व गुण के कारण किसी द्रव्य का भी नाश नहीं होता, किन्तु द्रव्यत्व गुण के कारण प्रत्येक द्रव्य स्वयं ही सदैव अपनी नयी-नयी पर्यायें अर्थात् अवस्थाएँ उत्पन्न करता है