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प्रथम संस्करण १ जनवरी
२०१४
मूल्य : ७ रुपये
विषय
प्रकाशकीय सम्पादकीय
:
मुद्रक : श्री प्रिन्टर्स
२,०००
कहाँ / क्या ?
पृष्ठ संख्या विषय
३ सूत्र १९, २०, २१ ४ प्रमत्ताप्रमत्त गुणस्थान ५- १४ सूत्र २२, २३, २४, २५ १५-३० चारों उपशमक
षट्खण्डागम सूत्र - १ सूत्र २,३,४, मिथ्यात्व गुणस्थान सूत्र ५, ६,७,८ सासादन गुणस्थान सूत्र ९,१०,११,१२ सम्यग्मिथ्यात्व गुणस्थान सूत्र १३,१४,१५ अविरत सम्यक्त्व गुणस्थान सूत्र १६, १७, १८ देशविरत गुणस्थान
३१-३३ सूत्र २६, २७, २८, २९ चारों क्षपक, अयोग
३४-३६
केवली गुणस्थान
३७-३९ ४०-४१
कीमत कम करने १००१ रुपये प्रदान करने वाले १००० रुपये प्रदान करने वाले ६०० रुपये प्रदान करने वाले ५०१ रुपये प्रदान करने वाले टाइप सैटिंग : ५०० रुपये प्रदान करने वाले त्रिमूर्ति
कम्प्यूटर्स
सूत्र ३०,३१,३२ सयोगकेवली गुणस्थान नक्शों में गुणस्थान गुणस्थानों का काल
पृष्ठ संख्या ४२-४३
४३-४५
४६-४७
४७-४८
४९-६२ ६३-६४
वाले दातारों की सूची श्रीमती सेठानी चंन्द्रकान्ता देवी । डॉ. अनिल जैन। श्री महेश जैन।
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श्रीमती डॉ. ज्योति बाला, उमेश रागिनी जैन । श्री पवन जैन, श्री एम. के. जैन, श्री आर. के. जैन, श्रीमती कमलीबाई दिवाकर, श्री इंजी. संतोष शर्मिला जैन, कु. मुक्ति, दृशि सिंघई, श्री अनिल कीर्ति जैन, डॉ. एच. वी. जैन सरिता जैन। २५१ रुपये प्रदान करने वाले श्री शिखरचन्द जैन, श्री आशीष जैन,
ए-४, श्रीमती नीता जैन, श्रीमती कुसुमलता डॉ. के.सी. भारिल्ल, श्रीमती गुणमाला बापूनगर, जयपुर जैन, श्रीमती मीना जैन गोंदिया, श्रीमती निशा पटेल, श्रीमती प्रभा जैन, श्रीमती शशि बाला जैन, श्रीमती सुभद्रा जैन, सम्यकतरंग महिला मंडल, श्री महेन्द्र जैन, श्री इंजी. मुकेश जैन।
२५० रुपये प्रदान करने वाले श्रीमती ललिता जैन, कु. आयुषी आज्ञा जैन, श्री केवलचन्द शशि बैसाखिया, श्री आलोक सुषमा जैन, श्री सुशील कौशल, श्रीमती उर्मिला जैन, श्रीमती कविता जैन, श्री दिनेश किरण जैन, श्री हुकमचन्द विकासकुमार जैन ।
१५० रुपये प्रदान करने वाले श्रीमती कीर्तिकी माताजी ।
१२५ रुपये प्रदान करने वाले श्री प्रभात अनीता पटेल, श्री अभय उमा जैन एड. १०० रुपये प्रदान करने वाले श्रीमती नन्नूमल प्रमोद जैन । मालवीयनगर, सभी दातार सिवनी (म.प्र.) निवासी हैं। कुल योग : १३,६१६/
जयपुर
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प्रकाशक
पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट के माध्यम से ब्र. यशपालजी द्वारा सम्पादित गुणस्थान विषय पर अनेक कृतियों का प्रकाशन समय-समय पर किया गया है। अब उनकी इसी विषय पर नवीनतम् कृति 'गुणस्थान - प्रकरण' प्रकाशित की जा रही है, जो आपके हाथों में है।
पूर्व में प्रकाशित गुणस्थान- प्रवेशिका, चौदह गुणस्थान, समयसारनाटक गर्भित गुणस्थान तथा गुणस्थान- विवेचन जैसी महत्वपूर्ण कृतियाँ प्रकाशित की गई हैं; जिनका समाज ने समुचित समादर किया है।
इस गुणस्थान प्रकरण की विषय-वस्तु इसके नाम से ही ज्ञात हो जाती है। इसकी उपयोगिता के संबंध में ब्र. यशपालजी द्वारा लिखित सम्पादकीय दृष्टव्य है । प्रातःस्मरणीय आचार्य पुष्पदन्त और आचार्य भूतबलि द्वारा रचित षट्खण्डागम महान ग्रंथ, जिसकी धवला टीका आचार्य वीरसेनजी कृत है इस पुस्तक का हार्द है। उक्त ग्रन्थ के अनुवादक प्रकाण्ड जैन मनीषी पण्डित फूलचन्दजी सिद्धान्त शास्त्री हैं। चूँकि ब्र. यशपालजी का गुणस्थान प्र विषय रहा है और वे समय-समय पर शिविरों में कक्षाओं के माध्यम से जिज्ञासु पिपासुओं को गुणस्थान विषय का यथाशक्य ज्ञान कराते रहे हैं तथा इस विषय के निष्णात विद्वान हैं। उन्होंने इस पुस्तक का सम्पादन कर महती कार्य किया है। उनके द्वारा की गई जिनवाणी की महनीय सेवा के लिए ट्रस्ट उनका आभारी है।
इस पुस्तक की प्रकाशन व्यवस्था में साहित्य प्रकाशन एवं प्रचार विभाग के प्रभारी श्री अखिल बंसल का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है एवं इस पुस्तक का कंपोजिंग का कार्य श्री कैलाशचन्दजी शर्मा ने किया है, अतः वे दोनों बधाई के पात्र हैं। पुस्तक आप सभी आत्मार्थियों को कल्याणकारी हो इसी भावना के साथ । - डॉ.
हुकमचन्द भारिल्ल महामंत्री पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर