________________
१६. किसी का मन तलवार की धार से नहीं पलटा जा सकता। १७. खून का धब्बा खून से नहीं धुलता। उत्तेजना, उत्तेजना
से शान्त नहीं होती। जैनधर्म कोई मत या सम्प्रदाय नहीं है, वह तो वस्तु का
स्वरूप है, वह एक तथ्य है, परमसत्य है। १६. पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त करने का मार्ग स्वावलंबन है। २०. एकता का आधार समानता ही हो सकती है। २१. भय का वातावरण अज्ञान और कषाय से बनता है। २२. अंधश्रद्धा तर्क स्वीकार नहीं करती। २३. भावुकता से तथ्य नहीं बदला करते। २४. निर्णय न्याय से ही सम्भव है। २५. कर्तृव्य की ठोकर, बुद्धि ही बर्दाश्त कर सकती है, हृदय नहीं।