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ऐसा पानी लाया है? पानी ठंडा नहीं था तो बहुत गर्म भी नहीं था, बीच का था, लेकिन सेठ जी की स्थिति यह बनी कि पानी तो कम गर्म था, सेठ जी बहुत ज्यादा गर्म हो गये | इच्छापूर्ति में बाधा हुई। सेठ जी ने चाहा था कि अच्छा ठंडा पानी मिले, लेकिन वैसी व्यवस्था तुरन्त नहीं हो पाई तो क्रोध आ गया।
मनचाहा नहीं हो पाना भी क्रोध आने का कारण है | सासू जी चाहती हैं कि जो बहू घर में आई है, हम जैसा चाहें, वह वैसा काम करे | और बहू चाहती है कि हम जैसे मम्मी-पापा के घर में रह करके आये हैं, वैसी ही सुखसुविधा यहाँ भी मिले | बस इसी में तो बात बिगड़ती है।
पिताजी चाहते हैं, कि हमारा बटा क्लास में टॉप करे | रिजल्ट आया, पर बेटा टॉप नहीं कर पाया । क्लास में चौथा नम्बर आया तो पिता जी को गुस्सा आ जायेगी। मार्क-सीट दखेंग तो फाड़ दने को तैयार होंगे कि मैंने क्या आशा रखी थी और हुआ क्या? साल भर तुम्हारी ट्यूशन भी कराई, इतना पैसा बर्बाद कर दिया और तुम स्कूल में भी टॉप नहीं कर पाये | बेटे को हजार बातें सुनायें गे, गुस्सा करेंगे | ये बात अलग है कि पिताजी स्वयं एक क्लास में तीन-तीन बार फेल हुये होंग । उनकी मार्कशीट निकालकर देखी जाये तो बात समझ में आ जायेगी। पर बेटे से तो उन्होंने अपेक्षा यही रखी थी कि बेटा स्कूल में, जिले में टॉप करे परन्तु नहीं कर पाया। बेटे ने ईमानदारी स बहुत मेहनत की, पर भाग्य ने साथ नहीं दिया । मनचाहा काम न होना क्रोध आने में कारण है। ___मानसिक अस्त-व्यस्तता हो, तब भी गुस्सा आती है। आप किसी काम में उलझे हों, परेशान हा रहे हों, जरा हिसाब-किताब नहीं जम
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