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जिनवाणी स्तुति
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ,
अज्ञानता से, मुझे तार दना । मुनियों ने जानी, मुनियों ने समझी,
शास्त्रों की भाषा, आगम की वाणी ।। हम भी तो जानें, हम भी तो समझं ।
विद्या का फल तो, हमें मात दना | |ह || तू ज्ञानदायी, हमें ज्ञान दे दे,
रत्नत्रयों का, हमें दान दे दे | मन से हमारे, मिटा दे अंधेर,
हमको उजालों का, शिवद्वार दे माँ ।।हे ।। तू मोक्षदायी, है संगीत तुझ में,
हर शब्द तेरा, हर भाव तुझमें | हम हैं अकेले, हम हैं अधूरे,
तेरी शरण माँ, हमें तार देना ।। हे शारदे माँ, हे शारदे माँ,
अज्ञानता से, हमें तार देना ।।