________________
है | अतः जो बात मनोरंजन के लिये बच्चों से की जाती है, बच्चे उसको सत्य समझकर अपने हृदय में धारण कर लेते हैं। इस कारण मनोरंजन के लिये भी बच्चों से झूठ नहीं बोलना चाहिये ।
एक मारवाड़ी सेठ अपने परिवार के साथ ट्रेन स कलकत्ता जा रहा था। रास्ते में वह अपने बच्चे से मनोरंजन करने लगा | उसने अपने बच्चे की सिर की टोपी उसके सिर से उतार कर दूसरे हाथ से गाड़ी से बाहर फैंकने की बनावटी चेष्टा की । बच्चा जब अपनी टोपी के लिये रोने लगा, तब सेठ ने कहा कि अच्छा टोपी बुला दूँ | लड़के ने कहा हाँ बुला दो । सेठ ने झट खिड़की स बाहर वाला हाथ अंदर करके टोपी उसे दे दी, लड़का प्रसन्न होकर हँसने लगा।
थोड़ी देर बाद सेठ ने फिर टापी बाहर फेकन का बहाना किया । लड़के ने फिर कहा अब फेकी हुई टोपी फिर वापिस बुला दो, सेठ ने दूसरी बार भी टोपी उसे दे दी। लड़का प्रसन्न हो गया । इस तरह सेठ ने 3-4 बार किया, उस छोटे से बच्चे न इस मनोरंजन को सत्य घटना समझ लिया।
थोड़ी दर बाद उस छाटे लड़के ने अपने हाथ से वह कीमती जरी की टोपी खिड़की से बाहर फेक दी। यह दखकर सठ बहुत दुःखी हुआ, किन्तु चुप रह गया ।
परन्तु बच्चा रोने लगा और अपने पिता से कहने लगा कि पहले कि तरह मेरी टोपी फिर गाड़ी के बाहर से मँगा दो | सेठ वह टोपी कैसे मँगा देता | बड़ी मुश्किल से उसने बच्चे को चुप किया | बच्चों के साथ हंसी-मजाक में भी झूठ नहीं बोलना चाहिये । ___ सत्य बोलने वाला मनुष्य यदि धनवाला न हो, तो भी सब कोई उसका विश्वास करते हैं, और असत्य बोलने वाला बड़ा धनी भी हो,
(317