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बदतर जिन्दगी से बेहतर है कि जहर खाकर मर जाऊँ। वह एक दुकान पर गया। वहाँ से जहर लिया, जहर को भोजन मे मिलाया और जहर मिला भोजन खाकर सो गया। सुबह आराम से उठा । कारण कि जहर में मिलावट थी, जहर नकली था। जब वह व्यक्ति मरा नहीं, तो उसने सोचा-लगता है अभी भगवान को मेरी मौत स्वीकार नहीं है | तो ठीक है, चलो, खुशियाँ मनाओ । और वह दूसरे दिन दुकान से पेड़े ले आया। रात में पेड़े खाकर सा गया और ऐसा सोया कि फिर कभी नहीं उठा। क्योंकि पेड़ों मे जहर मिला था। सभी जगह छल-कपट चल रहा है |
एक व्यक्ति अपने घर कीड़े मारने की दवा लाया। दूसरे दिन जब उसने देखा तो उस दवा में ही कीड़ पड़ गये थे। अब इससे बड़ा भ्रष्टाचार और क्या हा सकता है? कीड़ मारने की दवा में ही कीड़े पड़ जायें ता फिर क्या कहना? सब जगह मिलावट है, मायाचारी है | ___ एक व्यक्ति की किराने की दुकान थी । एक आदमी ने पूछा-खटमल मारन की दवा है? वह व्यक्ति बोला-है, य लो | उस आदमी ने कहा एक बात बताआ, यह खटमल मारने की दवा है, उससे जो खटमल मरंगे, उसका पाप मुझे लगेगा या तुम्हें लगेगा | वह व्यक्ति बोला-चिंता मत करो। पाप न तुम्हें लगेगा और न मुझे लगेगा | आदमी ने पूछा-मतलब? उस व्यक्ति ने कहा-मतलब साफ है, कि खटमल मरेंगे तभी तो पाप लगेगा न , यह शुद्ध देशी दवा है, इससे खटमल मरने वाले नहीं हैं। ___ आज का समय ऐसा आ गया है कि भ्रष्टाचार को ही शिष्टाचार माना जाने लगा है। आज कहीं भी जाआ, ऊपर से नीच तक सब भ्रष्ट हैं, थोड़ से पैसे दे दीजिये और आदमी की आत्मा तक को खरीद
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