SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 23
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (13) संगीत व वास्तु पुस्तक (PDF) मुफ्त डाउनलोड करें है प्लॉट में कम निर्माण के लिए प्रथम चयन देखें www.dwarkadheeshvatu.com बॉलकनी/छज्जे का निर्माण N छज्जा/बॉलकनी भवन के पूरे भाग में ही बनाएँ। इसका भार किसी स्तम्भ RCC या दीवार पर ही रहना स्लैब चाहिए। W निर्माण उत्तर से दक्षिण तक पूरे भाग में करें। यह खुला | | सर्वश्रेष्ठ है। स्थान दीवार दीवार J0 IYE द्वितीय चयन छत की आर.सी.सी. स्लैब का निर्माण निर्माण पश्चिम की दीवार पर ही करें। पूर्व की छत की आर.सी.सी. स्लैब का तल एक समान ही रखें । यहाँ तरफ खाली जगह छोड़ें। डॉटेड लाईन द्वारा किसी भी दिशा में झकी नहीं होनी चाहिए। दिखाए अनुसार ढ़ाई फीट ऊँची दीवार बनाकर ME पीछे के प्लॉट को अलग कर दें। इस तरह से 3888899000000स्लै ब निर्माण अस्थाई तौर पर ही करें क्योंकि इससे पूरी तरह से प्रगति नहीं मिलेगी। दीवार दीवार दीवार रखे। IN पूर्व फेसिंग प्लॉट ग्राउन्ड फ्लोर के लिए सिर्फ ऊपर की मंजिलों पर जाने के लिए रोड से फर्श का लेबल व पानी का निकास मुख्य द्वार उच्च स्थान दरवाजा नीच स्थान पर होने पर भी + 0E पर ही रखें। सीढ़ी की वजह से दोष नहीं लगेगा। +2 भवन में फर्श का लेबल रोड से कम से फीट कम 2 फीट ऊँचा रखें। भवन में शेड मुख्य -सेप्टिक टैंक भवन द्वारा दिखाए गए भाग से ही पानी का बोरिंग नार्थ-ईस्ट में ही रखें। सेप्टिक बोरिंग द्वार निकास करें। टैंक पूर्व के मध्य में ही बनाएँ। कमरे, -उत्तर और पूर्व की दीवारों की मोटाई रसोई, टॉयलेट इत्यादि भवन में कहीं कम या बराबर स्लैब का निर्माण भी बना सकते हैं। सीढ़ी का निर्माण दक्षिण की दीवार के साथ करें, यह पूर्व रसोई/स्टोर का निर्माण भवन में कहीं की मुख्य दीवार से नहीं सटनी चाहिए। दक्षिण और पश्मिच भी कर सकते हैं किन्तु स्लैब को दक्षिण की दीवारों की पूर्व फेसिंग भवन में बेसमेंट का रसोई/ और पश्चिम की दीवारों के साथ ही मोटाई अधिक या निर्माण नहीं होना चाहिए, बेसमेंट बराबर रखें। स्टोर बनाएँ किसी भी हाल में उत्तर व पूर्व की अशुभ है। दीवार के साथ न बनाएँ। W कम्पाउन्ड वॉल/पैराफिट वॉल(रैलिंग) W टॉयलेट का निर्माण उत्तर और पूर्व की दक्षिण और पश्चिम की कम्पाउन्ड वॉल/ कम्पाउन्ड वॉ ल/ टॉयलेट टॉयलेट भवन में कहीं भी बना सकते हैं पैराफिट वॉल की पैराफिट वॉल की उँचाई किन्तु शीट इस प्रकार लगाएँ कि ऊँचाई व मोटाई कम N/ Is व मोटाई अधिक रखें। प्लॉट (O ) |S मल-मूत्र का त्याग करते समय मुख रखें और इन दीवारों -इन दीवारों पर काँच के सूर्यदेव (पूर्व) की तरफ न हो। शीट पर काँच के टुकड़े या टुकड़े या तार इत्यादि तार न लगाएँ। WL लगा सकते हैं। टाँड/परछत्ति व अलमारी छत पर निर्माण व ओवरहेड वॉटर टैंक/वजन E टाँड/परछत्ति, अलमारी या भारी छत पर मुमटी, ओवरहेड वॉटर टैंक/ वजन या सामान जैसे सोफा इत्यादि किसी भी अन्य कोई भी निर्माण नं0 1 में दिखाई गई जगह कमरे की दक्षिण और पश्चिम की कमरा में ही करें। निर्माण करते समय यह ध्यान रखें कि ° दीवारों पर शेड द्वारा दिखाए गए भाग प्रथम निर्माण 1 नं0 से शुरू करते हुए नं0 2 की में ही रखना चाहिए। यह कोनों से दूर तरफ आयताकार आकार में करें। यह कोनों से कम से कम 3 फीट दूर हो। कमरों का आकार मंदिर का स्थान कमरा उत्तर, पूर्व व नार्थ-ईस्ट में कमरों का भवन/बेडरूम के शेड द्वारा दिखाए गए स्थान/ आकार दक्षिण , पश्चिम व भवन S दिशाओं में ही मंदिर रखें। साउथ-वेस्ट के कमरों से छोटा होना कमरा चाहिए। W A हों। W
SR No.009394
Book TitleVaastu Principles Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnkit Mishra
PublisherAnkit Mishra
Publication Year2016
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy