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________________ औषधियों के निर्माण करने का अधिकार मिलेगा। जिस प्रकार महर्षि वाग्भट्ट गौशाला एवं पंचगव्य अनुसंधान केन्द्र एक स्वावलम्बी और स्वतंत्र ईकाई हैं इसी प्रकार के गौशाला देश के सभी जिलों में क्रम से एक-एक स्थापित हो। यह हमारा लक्ष्य है । और इसी के लिए मैं भारत में भ्रमण कर गाय और उसके विज्ञान की कथा कर रहा हूँ। अंत में मैं इतना ही कहना चाहुँगा कि अमर शहीद राजीव भाई का जो सानिध्य और राष्ट्र के लिए कुछ कर्म करने का मौका मिला उसी का परिणाम है कि गायों ने मुझे ऐसा अद्भुत कार्य करने का अवसर प्रदान किया है। मैंने अपना सारा जीवन गाय को समर्पित किया है। इस समर्पण ने ही मुझे ऊर्जा दी है। अतः आप भी राजीव भाई के बताए रास्ते पर चल कर राष्ट्र की सेवा और गऊ माँ से आशीर्वाद ले सकते हैं। इसी में जीवन का सार है और मोक्ष्य भी है। गौमाता पंचगव्य चिकित्सा निरंजन वर्मा - महर्षि वाग्भट्ट गौशाला एवं पंचगव्य अनुसंधान केन्द्र ग्राम : 'कट्टायाक्कम, जिला : कांचीपुरम्, राज्य : तमिलनाडु संपर्क: 09444034723 ईमेल: [email protected]
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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