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मात्रा में ।
विशेष : यदि कोई शराबी शराब छोड़ने का इच्छुक हो तो केवल 15 दिन संयम रखकर इस अर्क का सेवन करे 16 वें दिन शराब की जगह अर्क का सेवन करने की ही इच्छा होगी । मात्रा 25 से 40 मिली (बिना पानी मिलाये ) जब भी शराब की तलब हो । कम से कम 6 महीने तक इसका सेवन करें जिससे शराब के दुष्प्रभावों का नाश होकर शरीर स्वस्थ होगा।
घटक : गौमूत्र
निर्माण विधि : गौमूत्र को अग्नि पर औटाकर उसका घन बनाया जाता है। घन से आधे-आधे ग्राम की या देशी चने के आकार की गोलियाँ बनाई जाती हैं। नमी से बचाने के लिए गोबर की राख तथा शुद्ध गैरीक ( गेरू) को अनुमान से मिलाकर उसमें गोलियों को लिपटाकर प्लास्टिक की डिब्बी में रख देना चाहिए ।
गुणधर्म : यह घनवटी पूर्वोक्त सभी बीमारियों में उपयुक्त है। इसे गौमूत्र अर्क के साथ लेने से अधिक लाभ होता है !
मात्रा : 1 से 2 गोली दिन में दो बार। छोटे बच्चे को न दें।
घटक :
1. छोटी हरड़े
2. अजवायन 3. काली मिर्च
4. यवक्षार
( जवाखार )
2. गौमूत्र घनवटी
( भाव प्रकाश निघुण्ट - मूत्रवर्गः )
5. काला नमक
6. सेंधा नमक
7. जीरा
8. गौमूत्र
9. हींग
3. गौमूत्र हरड़े चूर्ण
ग्रंथ
अध्याय
भा. प्र. नि. हरीतक्यादिवर्गः
भा. प्र नि.
14
भा. प्र. नि
7
भा. प्र. नि
93.
मात्रा
35 ग्राम
20 ग्राम
5 ग्राम
10 ग्राम
10 ग्राम
10 ग्राम
10 ग्राम
आवश्यकतानुसार
10 ग्राम
भा. प्र. नि
भा. प्र. नि
भा. प्र. नि
भा. प्र. नि
भा. प्र. नि
90
86
19
मूत्रवर्ग
:
10. गाय का घी
निर्माण विधि : सर्वप्रथम तीन दिन तक हरड़े को गौमूत्र में भिगाइये। हर दिन ताजा गौमाता पंचगव्य चिकित्सा
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