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देख लेगा तो अंतर आत्मा हिल जाती है और नगरसेवकों की पत्नियों को और उनके बच्चों को पहले दिखा दीजिए। हाँ यह मैं अनुभव से कह रहा हूँ आपसे। किसीको अगर ठीक करना है ना तो उसकी पत्नी और बच्चों के रास्ते से करें बहुत आसानी से होता हैं। सीधे कहेंगे तो बहुत अहंकार में बात करेंगे। मनुष्य का जो स्वभाव है ना वो सांप
जैसा होता है। सांप आपने देखा है ना। सड़क पे चलेगा ऐसे-ऐसे बहुत टेढ़ा-मेढ़ा चलता हैं। सीधे कभी नहीं चलता। जब घर में घुसता है बिलकुल सीधे जाता है। घर में टेढ़ा-मेढ़ा नहीं चल सकता। क्योंकि बीवी को है ना उसकी बहुत सारी पोल मालूम हैं। बच्चों को सब मालूम है। इसलिए बीवी बच्चों के सामने टेढ़ा नहीं रह सकता। एकदम सीधा है जहाँ वो सीधा है वहीं चोट करिए ना तो उनके बच्चों को उनकी पत्नियों को आप दिखा दीजिए कत्तलखाना कैसा होता है। वो अपने पति को या अपने पिताजी को कनव्हेन्स कर लेगें। आप लढ़ाई जीत लेंगे कुछ मुश्किल नहीं हैं इसमें और बहुत अच्छा होगा जब आप ऐसा कोई धरना प्रदर्शन करे तो उनकी पत्नी और बच्चे भी उसमें शामिल हो। कि बंद करो यह भैय्या। बिलकुल संभव है असंभव जैसा कुछ नहीं है। क्योंकि आखिरकार वो सब भारतीय हैं। सभ्यता में उनके वही मन में हैं कि पुर्नजन्म होगा। पूछ लो नहीं तो जाके मानेंगे तो वो भी कि पुर्नजन्म होगा। उनको अगली बार माय का जन्म मिला और ऐसे ही कत्तल खाने में काटा तो-तो वो आयेगे आपके साथ। यह जरुर होगा कि उनके उपर अपनी-अपनी पार्टियों का थोड़ा प्रेशर आये क्योंकि पार्टिया बहुत ही अहंकार में डूबी हुई हैं। पार्टियों को ऐसे लगता है कि सारा देश वो ही चला रहे हैं। वास्तविकता यह है देश अपनी गति से चल रहा है पार्टियों का उसमें कोई योगदान नहीं है। आप देखो ना। इस देश में जन्म होते हैं। शादी होती है। ब्याह होते है। मरण होते है। पार्टियों की क्या भुमिका है। उसमें कुछ तो देश तो अपनी गति से चल रहा है। पार्टियों को यह अहंकार हो गया हैं कि हम देश चला रहे है। हाँलाकि वो देश को डूबा रहे है चला क्या रहे हैं। 58-59 साल से हमने सबको देख लिया है। एक ने खड्डे में डाला। दूसरे ने उससे भी ज्यादा खड्डे में डाल दिया तो इनको यह अहंकार है तो उस अहंकार के तहत वो दबाव डालेंगे वो दबाव से आप को थोड़ा दो-चार होना पड़ेगा। उससे ज्यादा कुछ तकलीफ नहीं आने वाली।
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गौमाता पंचगव्य चिकित्सा......
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