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वापस हो गया। मशीन भी वापस चली गई। बिल्डिंग भी वैसे है तो अमरावती में हो सकता हैं। तो यहाँ भी हो सकता हैं। दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं होता , करनेवालों का संकल्प कितना बड़ा है महत्त्व इस बात का है।
आप थोड़ा संकल्प ले लें। गांव के लोगों ने संकल्प ले लिया हैं। ग्यारह गांव वालों ने संकल्प ले लिया है और थोड़े दिन में दस-बीस गांव इनसे जुड जाने वाले हैं। बस संकल्प बढ़ता चला जाये काम हो जायेगा। अब इसमें टेक्नोलॉजी के स्तर पर एक छोटा काम करने की जरुरत हैं महानगरपालिका में जो नगरसेवक हैं इनको एक-एक को समझाने की आवश्यकता हैं। हो सकता हैं बहुत सारे नगरसेवक इसी भ्रम में हो कि थ्योरी ऑफ युटीलिटी ठीक है। तो बेकार हैं तो काट दो। फरक क्या पड़ता हैं। तो उनको यह बताने की जरुरत है। हो सकता हैं वो समझ जाये क्योंकि कि यह नहीं मानना चाहिए कि यहाँ जितने भी हैं वो बहुत ही समझदार होंगे। उनकी समझ दुसरे तरह की हो सकती हैं तो अगर हम उनको ठीक कर पाये समझ के स्तर पर तो वो हमारे साथ आ जायेगें। क्योंकि हमारा उनसे झगड़ा थोड़े ही हैं। हम तो सभ्यता और मान्यता की बात लेके जा रहे हैं। व्यक्तिगत किसी से कोई झगड़ा नहीं हैं। कोई काँग्रेस का हैं कोई बीजेपी का कोई राष्ट्रवादी का कोई शिवसेना का ठीक है। जो जहाँ हैं रहे हमारा तो प्रश्न उससे बड़ा है। बीजेपी से बड़ा है। काँग्रेस से बड़ा है। राष्ट्रवादी से बड़ा है। शिवसेना से बड़ा है। क्योंकि सभ्यता, मान्यताओं का प्रश्न है तो बड़े प्रश्न हैं।
- तो ऐसी एक विनंती मैं आप से करने आया कि आप इस काम को बहुत महत्त्वपूर्ण मानकर जीवन यह बहुत ऊँचे स्थान पर इसको दर्जा देकर थोड़ा प्रयास करें लो जरुर हो जायेगा। आप जितने लोग यहाँ हैं रोज अगर एक घंटा भी इस काम में लगायेगे तो मैं ग्यारंटी देता हूँ यह काम हो जायेगा। कुछ असंभव नहीं हैं इसमें बस एक बार आप को खड़े होने की बात हैं। अब खड़े कैसे हो। कभी-भी महानगरपालिका में बड़ी बैठक होगी तो आप सब लोग कम-से-कम उस दिन नगरपालिका के सामने उपवास करें। सैकड़ों की संख्या में करें। माताएँ भी हों, बहनें भी हों, पुरुष भी हों, बच्चे भी हों, उसको नैतिक असर बहुत होता है। गांधीजी हमेशा इसका इस्तेमाल करते थे। उसमें हम तो शुद्ध होते ही हैं सामने वाले पर असर बहुत होता है और अगर नगरपालिका में ऐसा कुछ होता है। आपने किया कौन जाने उसी दिन महानगरपालिका यह प्रस्ताव वापिस हो जाए तो Solved हो जायेगा प्रश्न।
.. ऐसे ही इन नगरसेवकों के घर-घर जाकर उनको कनविंस करना इस बात से, वो भी बहुत आवश्यक है। उसके लिए यह अपने कार्यकर्ताओं ने छोटी सीडी बनाई हैं वो आप सबको दिखा दीजिए कि कत्लखाने में होता क्या है। अगर एक बार कोई गौमाता पंचगव्य चिकित्सा
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