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________________ आंदोलन की शुरुवात में और आंदोलन बीच में और आंदोलन के बाद में भी कई बार यह कहा कि, "स्वराज्य से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है “गौरक्षा"। और मेरे लिये गाय का कत्ल एक ऐसा ही है जैसे किसी व्यक्ति का कत्ल किया जा रहा हो।" हिन्दुस्तान की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले तमाम नेताओं के लिये गाय का प्रश्न बहुत ही केन्द्रीय प्रश्न था। बहुत ही मूल प्रश्न था। तो गांधीजी जैसे लोगों ने गाय के प्रश्न को उठाया। स्वामी दयानंद, मदन मोहन मालवीय जैसे लोगों ने गाय के प्रश्न को उठाया। लोकमान्य तिलक ने गाय के प्रश्न को उठाया। और उन लोगों के पास गाय के प्रश्न उठाने के पीछे एक ही परंपरा थी कि जो हिन्दुस्तान में 1870 में क्रांति हुई थी। बगावत हुई थी। 1857 और 1870 के बीच में जो आंदोलन चले थे वो गाय के प्रश्न को लेकर महत्त्वपूर्ण आंदोलन चले थे। तो आगे भी इस देश में यह महत्त्वपूर्ण काम होता रहेगा। बीच में आजादी की लड़ाई की ऐसी घड़ी आयी कि जब लोगों को लगने लगा कि अंग्रेज देश छोड़ कर चले जायेंगें। और अंग्रेजों को हिन्दुस्तान छोड़कर जाना पड़ेगा। अंग्रेजों को देश छोडकर जाना पड़ेगा। ऐसी बात दिखाई देने लगी 1940 के साल से। __1940 के एक साल पहले एक बहुत महत्त्वपूर्ण घटना हुई। जिसका जिक्र मैं करना चाहता हूँ। लाहौर एक शहर है। पहले हिन्दुस्तान का हिस्सा था। अभी पाकिस्तान में है बँटवारे के बाद। लाहौर शहर में अंग्रेजों ने एक कत्ल कारखाना खोला 1939 के साल में। और वो कत्ल कारखाना यांत्रिक था। मेकेनाईज था और बड़े पैमाने पर उसमें गौवंश नंदी का कत्ल हो सकता था। यह अंग्रेजों ने फैसला किया था। तो 1939 में जो लाहौर में कत्ल कारखाना खोला गया। उस के लिये सबसे जबरदस्त आंदोलन किया पंडित जवाहरलाल नेहरु ने। पंडित जवाहरलाल नेहरु ने 1939 के उस कत्ल कारखाने को बंद कराने के लिये आंदोलन शुरु किया और वो आंदोलन सफल भी हुआ। 1939 में अंग्रेजों की सरकार ने लाहोर में जो कत्ल कारखाना खोला था। वो बंद हो गया। उस कत्ल कारखाने को बंद कराने के समय पंडित नेहरु जो भाषण दिया करते थे उसकी एक लाईन का जिक्र आपके बीच में कर रहा हूँ। पंडित नेहरु कहा करते थे कि “जब मैं जानवरों का कत्ल होते हुये देखता हूँ तो अंदर से मेरी आत्मा चीत्कार करती है। और उनका यह कहना था और उनका यह मानना था कि अगर वो आजाद हिन्दुस्तान में किसी महत्त्वपूर्ण पद पर पहुंचे तो वो एक ऐसा कानून बना देगें। जिससे हिन्दुस्तान में गाय का कत्ल बंद हो जायेगा। गौवंश का कत्ल बंद हो जायेगा।” यह पंडित नेहरु के भाषण हैं। और ऐसे ही एक भाषण में हिन्दुस्तान के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद कह रहे हैं कि "मुझे माँसाहार बिलकुल पसंद नहीं। और मैं चाहता हूँ कि हिन्दुस्तान' में अधिक से अधिक लोग शाकाहारी हों। तो इसके लिये जरुरी है कि हिन्दुस्तान में गौमाता पंचगव्य चिकित्सा
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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