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________________ तिहास में हम लोगों को सिर्फ इतना ही पढ़ाया जाता है कि ईस्ट दिया कंपनी भारत में व्यापार करने के लिये आयी थी। लेकिन 1813 के दो। के बाद पता चलता है कि ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के आयी थी। मुल उद्देश्य उनका भारत को ईसाई बनाने का था। तो भी बनाने का जो प्रस्ताव पारित हुआ ब्रिटेन की पार्लियामेंट में- हाऊस ऑफ तो प्रस्ताव में कुछ नीतियां तय की गयीं और उन नीतियों को अंग्रेजों की भारत में अपने पूरे समय में लागू किया। वो नीतियां क्या थीं उन लो की जो सबसे पहली नीति थी भारत के लिये वो ये कि अगर भारत को है तो भारत में जो समृद्धी है। भारत में जो संपन्नता है। भारत में जो सन जो सुख है। भारत में जो पैसा है। जो संपत्ती है। इसका नाश करना पड़ेगा। क्योंकि में गरीबी नहीं आयेगी। जब तक किसी समाज में बेरोजगारी पैदा नही तब तक उस समाज को ईसाई नहीं बनाया जा सकता। यह बात लंदन में बहुत सारे उस जमाने के M.P. ने कहीं। ये वो ये कि अगर भारत को ईसाई बनाना गजों ने व्यवस्थित रुप से भारत में शुरु की और उस फैसला लिया। वो उनका फैसला यह था कि | तक नकी तो भारत में विपन्नता लानी है। भारत को गरीब बनाना है। भारत फैलानी है। इसकी एक नीति अंग्रेजों ने व्यवस्थित रुप से भारत में नीति के तहत उन्होंने सबसे पहले जो फैसला लिया। वो उनका फै भारत में गरीबी पैदा करनी हैं। भुखमरी पैदा करनी हैं। तो भारत की नाश करना पड़ेगा। तो भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के अर्थव्यवस्था का नाश करने के लिये अंग्रेजों की सरकार ने एक फैन भारतीय कृषि पद्धति को भी बर्बाद करना पड़ेगा। तो भारतीय कषि बर्बाद नहीं होगी। भारत की खेती जब तक बर्बाद नहीं होगी । अर्थव्यवस्था बर्बाद नहीं हो सकती। क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था में खेती पर टिकी हुई है। मूलरुप से कृषि-खेती भारत की अर्थव्यवस्था रहा है। तो ऐसा जब अंग्रेजों की सरकार ने लंदन की पार्लियामेंट में तो उसके बाद उन्होंने नीतियाँ बनाना शुरु किया। और उन नीतियों को लागू करने से पहले अंग्रेजों की सरकार ने कई सर्वेक्षण कराये। जो कराये गये भारत में उनमें ऐसा एक सर्वे भी था। जिसमें अंग्रेजी पता लगाने की कोशिश की थी कि भारत के समाज का और भारत का मल केन्द्र क्या हैं। तो इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर अंग्रेजों से कि भारतीय कृषि का जो मुल केन्द्र हैं वो गाय है और गाय के हो नहीं सकती। तो भारतीय कृषि के केन्द्र में गाय हैं। एक बात उनके ने लंदन की पार्लियामेंट में फैसला कर लिया ने कई सर्वेक्षण कराये। जो सर्वे और सर्वेक्षण भी था। जिसमें अंग्रेजों की सरकार ने यह भारत के समाज का और भारत के अर्थव्यवस्था रिपोर्ट के आधार पर अंग्रेजों को पता चला हैं वो गाय है और गाय के बिना भारतीय कृषि । केन्द्र में गाय हैं। एक बात उनको यह पता चली। और दसरी एक बात उनको और पता चला कि भारतीय कृषि के केन्ट में NROENITamany गौमाता पंचगव्य चिकित्सा
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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