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________________ भामाशाह तृतीय-और राजा होने के नाते वे बिना राज्य बनाये रह भी नहीं सकते थे। चतुर्थ-तभी तो इस उदयपुर का निर्माण कराया है। पंचम-सम्भवतः अब वे पुनः राज्य-कार्य व्यवस्थित रूप से चलायेंगे। प्रथम-आज के इस आयोजन से उन्की इच्छा कुछ ऐसी ही प्रतीत होती है। द्वितीय -इसमें सन्देह ही क्या ? राज्यकार्य संचालन के अभावमें राजा की शोभा ही नहीं रहती। ____ तृतीय-उन्हें इसमें असुविधा भी नहीं होगी, सारे साधन सुलभ ही हैं। ___ चतुर्थ-पर राज्य का प्रमुख अंग मंत्री कोई भी नहीं, जो थे वे सभी अपने प्राण युद्ध वेदी पर अर्पित कर चुके हैं। ___ पंचम-मन्त्री के अभाव की पूर्ति भी आवश्यक है, सम्भवतः आज अन्य घोषणाओं के साथ राणा मन्त्री की भी घोषणा करें। प्रथम-( जिज्ञासा पूर्वक ) पर इस पद के लिये उन्होंने किसे निर्वाचित किया है ? द्वितीय-यह अभी तक विदित नहीं हो सका। तृतीय-( नेपथ्य की ओर देखकर ) सावधान! महाराणा पधार . ( सबका मौन, भारमल्ल के साथ महाराणो का आकर आसन ग्रहण) उदय सिंह--( खड़े होकर ) सामन्तो और प्रजागण ! चितौड़ के
SR No.009392
Book TitleBhamashah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanyakumar Jain
PublisherJain Pustak Bhavan
Publication Year1956
Total Pages196
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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